छिंदवाड़ा/दक्षिण भारत। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शनिवार को मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में महाविजय उद्घोष जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि जल, जंगल और जमीन के लिए अंग्रेजों के खिलाफ थका देने वाली लड़ाई लड़ने वाले बादल भोई और छिंदवाड़ा के सभी स्वतंत्रता सेनानियों को मैं प्रणाम करता हूं।
शाह ने कहा कि यह वही छिंदवाड़ा है, जिसने रॉलेट-एक्ट, असहयोग आंदोलन, झंडा सत्याग्रह, जंगल सत्याग्रह और भारत छोड़ो आंदोलन जैसे कई सारे आंदोलनों से आजादी की लड़ाई को धार देने का काम किया था।
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 15 नवंबर, 2021 को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाकर देशभर के आदिवासी भाइयों का सम्मान किया।
शाह ने कहा कि हमारा छिंदवाड़ा क्षेत्र जनजातीय भाइयों और पिछड़े समाज के भाइयों और बहनों से भरा हुआ है। आज मैं यहां कहना चाहता हूं कि भाजपा ही है, जिसने आदिवासियों और पिछड़े समाज के लोगों के सम्मान की चिंता की है।
शाह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा पिछड़े समाज की बात करती थी, लेकिन पिछड़े समाज के कल्याण के लिए कोई काम नहीं किया। साल 2014 में जब आपने मोदी को देश का प्रधानमंत्री बनाया, तब उन्होंने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया।
शाह ने कहा कि कांग्रेस ने ‘ग़रीबी हटाओ’ का नारा तो दिया, लेकिन ग़रीबों के लिए कोई काम नहीं किया। नौ वर्ष के भीतर मोदी ने देश के 80 करोड़ गरीबों के जीवन में बहुत बड़ा परिवर्तन लाने का काम किया है।
शाह ने कहा कि जब साल 2014 में देश की जनता ने मोदी को देश का प्रधानमंत्री चुनकर भेजा, तब उन्होंने कहा था कि यह सरकार गरीब, पिछड़े, आदिवासी और दलितों की सरकार है। कमलनाथ ने वृद्धावस्था की पेंशन को बढ़ाने का वादा किया था। वृद्धावस्था की पेंशन तो नहीं बढ़ाई, लेकिन शिवराज सरकार द्वारा चलाई गईं योजनाओं को बंद कर दिया।
वन धन डैम का वादा साल 1973 में किया था, उसे शिवराज चौहान की सरकार ने साल 2003 में पूरा किया। ये कांग्रेसी सिर्फ वादा करते हैं, लेकिन उसे कभी पूरा नहीं करते हैं।
कमलनाथ ने कहा था कि सतपुड़ा में सरकारी शक्कर कारखाना खोलेंगे, लेकिन आज तक कोई कारखाना नहीं खोला गया। हर्रई विकास खंड में माचिस का कारखाना खोलने का वादा किया था। वह भी नहीं किया। पेंच थर्मल पावर बनाने की घोषणा हुई, वह भी नहीं किया।
शाह ने कहा कि यह कांग्रेस पार्टी आजादी के बाद से धारा-370 को लटकाती थी, भटकाती थी, लेकिन हटाती नहीं थी। मोदी ने 5 अगस्त, 2019 को संसद में एक बिल लाकर धारा-370 को समाप्त कर दिया और इसके साथ ही भारत माता का मुकुटमणि, हमारा कश्मीर हमेशा के लिए भारत के साथ जुड़ गया।