कर्नाटकः रिश्वत मामले में न्यायालय ने भाजपा विधायक की अग्रिम जमानत के खिलाफ याचिका पर जवाब मांगा

न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने भाजपा विधायक को नोटिस जारी किया

प्रशांत मदल को लोकायुक्त अधिकारियों ने एक ठेकेदार से 40 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए 2 मार्च को रंगे हाथों पकड़ा था

नई दिल्ली/भाषा। उच्चतम न्यायालय ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक मदल विरुपक्षप्पा से कर्नाटक सोप्स एंड डिटरजेंट्स लिमिटेड (केएसडीएल) निविदा घोटाला मामले में उन्हें मिली अग्रिम जमानत को चुनौती देने वाली कर्नाटक लोकायुक्त की याचिका पर सोमवार को जवाब मांगा।

न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने भाजपा विधायक को नोटिस जारी किया। शीर्ष न्यायालय 14 मार्च को मामले में कर्नाटक उच्च न्यायालय के खिलाफ लोकायुक्त की याचिका पर सुनवाई करने के लिए राजी हुआ था।

केएसडीएल के अध्यक्ष एवं भाजपा विधायक मदल विरुपक्षप्पा के बेटे प्रशांत मदल को लोकायुक्त अधिकारियों ने एक ठेकेदार से 40 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए दो मार्च को रंगे हाथों पकड़ा था। आरोप है कि कुमार केएसडीएल कार्यालय में अपने पिता की ओर से यह रकम ले रहे थे।

प्रशांत मदल बेंगलूरु जल आपूर्ति एवं सीवरेज बोर्ड के मुख्य लेखा अधिकारी हैं।

उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने विधायक की याचिका पर सुनवाई के बाद उन्हें अग्रिम जमानत दे दी थी। बेटे की गिरफ्तारी के बाद विरुपक्षप्पा ने केएसडीएल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।

यह कथित घोटाला केएसडीएल में रसायन की आपूर्ति से संबंधित है, जिसमें 81 लाख रुपए की रिश्वत मांगने का आरोप है।

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