राजस्थानः सचिन पायलट ने शुरू किया एक दिन का अनशन, कांग्रेस क्या बोली?

धरना स्‍थल पर बड़ी संख्या में पायलट समर्थक मौजूद हैं

हालांकि पार्टी का कोई बड़ा चेहरा नजर नहीं आया

जयपुर/भाषा। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कांग्रेस पार्टी द्वारा दी गई चेतावनी को दरकिनार करते हुए मंगलवार को यहां पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में हुए कथित भ्रष्टाचार के विरुद्ध कार्रवाई को लेकर एक दिवसीय अनशन शुरू किया।

धरना स्‍थल पर बड़ी संख्या में पायलट समर्थक मौजूद हैं। हालांकि पार्टी का कोई बड़ा चेहरा नजर नहीं आया।

इस अनशन के लिए शहीद स्मारक के पास एक तंबू लगाया गया। वहां बनाए गए छोटे मंच पर केवल पायलट बैठे। उनके समर्थक व अन्‍य कार्यकर्ता आसपास नीचे बैठे। मंच के पास महात्‍मा गांधी व ज्‍योतिबा फुले की तस्‍वीरें रखी गईं। मंच के पीछे केवल महात्‍मा गांधी की फोटो के साथ ‘वसुंधरा सरकार में हुए भ्रष्‍टाचार के विरुद्ध अनशन’ लिखा गया।

शहीद स्मारक पर पहुंचने से पहले पायलट अपने आवास से 22 गोदाम सर्किल पहुंचे और वहां समाज सुधारक ज्योतिबा फुले की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। पायलट ने इस दौरान संवाददाताओं से कोई बात नहीं की।

उल्‍लेखनीय है कि पायलट ने वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली पिछली भाजपा सरकार से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के मामलों में राज्‍य की मौजूदा अशोक गहलोत सरकार द्वारा कार्रवाई किए जाने की मांग को लेकर एक दिवसीय अनशन करने की घोषणा की थी। वहीं कांग्रेस पार्टी ने पायलट के इस कदम को पार्टी विरोधी करार दिया है। पार्टी के स्‍थानीय मीडिया ग्रुप में प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा का एक बयान सोमवार देर रात जारी किया गया जिसके अनुसार ‘पायलट का अनशन पार्टी के हितों के खिलाफ है और पार्टी विरोधी गतिविधि है।’

वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘राजस्थान कांग्रेस में घमासान सड़कों पर आया। गहलोत सरकार में महिलाओं पर अत्याचार, दलित शोषण, खान घोटालों और पेपर लीक घोटाले में कांग्रेस जन मौन क्यों हैं? पुजारी और संतों की मौत का जिम्मेदार कौन, तुष्टीकरण के मामलों से बहुसंख्यकों की विरोधी सरकार की दुर्गति निश्चित है।’

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