कर्नाटक: कांग्रेस के आरोपों की काट के लिए भाजपा चला सकती है ‘लिंगायत मुख्यमंत्री’ अभियान

बोम्मई ने कहा, ‘भाजपा में सभी के लिए सम्मान और अवसर है’

कर्नाटक: कांग्रेस के आरोपों की काट के लिए भाजपा चला सकती है ‘लिंगायत मुख्यमंत्री’ अभियान

बोम्मई ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने दलितों, लिंगायतों और पिछड़े वर्गों को ‘धोखा’ दिया

बेंगलूरु/भाषा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिंगायत नेताओं ने सत्तारूढ़ पार्टी को ‘लिंगायत विरोधी’ करार देने के कांग्रेस के दावे का जवाब देने के लिए चुनावी राज्य कर्नाटक में ‘लिंगायत मुख्यमंत्री’ अभियान शुरू करने की वकालत की है।

Dakshin Bharat at Google News
राजनीतिक रूप से प्रभावशाली लिंगायत समुदाय राज्य की आबादी का लगभग 17 प्रतिशत है। इस समुदाय के ज्यादातर लोग राज्य के उत्तरी हिस्सों में हैं। भाजपा इन्हें अपने मजबूत समर्थक वर्ग के रूप में देखती है।

वरिष्ठ लिंगायत नेता जगदीश शेट्टार और लक्ष्मण सावदी ने 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर भाजपा छोड़ दी और कांग्रेस में शामिल हो गए।

कांग्रेस तभी से भाजपा पर लिंगायतों के साथ ‘अन्याय’ करने और उसके ‘लिंगायत विरोधी’ होने के आरोप लगा रही है। इसके मद्देनजर, सत्तारूढ़ पार्टी नुकसान से भरपाई की कोशिशों में जुट गई है।

भाजपा के लिंगायत नेताओं ने बुधवार शाम कर्नाटक भाजपा के कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येडियुरप्पा के आवास पर एक बैठक की। इस बैठक में कांग्रेस के विमर्श का मुकाबला करने के लिए यह सुझाव सामने आया कि भाजपा को लिंगायत समुदाय के नेता को अगले मुख्यमंत्री के रूप में पेश करना चाहिए और मजबूती से यह अभियान चलाना चाहिए कि उसके सत्ता में आने की स्थिति में अगला मुख्यमंत्री लिंगायत समुदाय का ही होगा।

मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बृहस्पतिवार को पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए पुष्टि की कि बैठक में ‘कुछ मुद्दों’ पर कांग्रेस द्वारा फैलाई जा रही ‘भ्रामक सूचनाओं’ का दृढ़ता से मुकाबला करने का निर्णय लिया गया।

उन्होंने कहा, कुछ सुझाव भी आए हैं (लिंगायत मुख्यमंत्री को लेकर)। धर्मेंद्र प्रधान (केंद्रीय मंत्री जो भाजपा के कर्नाटक चुनाव प्रभारी हैं) भी वहां थे। उन्होंने (प्रधान ने) कहा कि वे (लिंगायत-मुख्यमंत्री की जरूरत पर) हमारी भावनाओं से आलाकमान को अवगत कराएंगे।’’

जब एक संवाददाता ने फिर से पूछा कि कांग्रेस भाजपा को ‘लिंगायत विरोधी’ बता रही है, तो मुख्यमंत्री ने उल्टा उसी से पूछ डाला कि ‘आप इस मुद्दे को जीवित रखना चाहते हैं?’

बोम्मई ने कहा, ‘साल 1967 के बाद से पिछले 50 वर्षों में कांग्रेस ने वीरेंद्र पाटिल के नौ महीने के कार्यकाल को छोड़कर किसी लिंगायत को मुख्यमंत्री नहीं बनाया है।’

उन्होंने सवाल पूछने वाले पत्रकार से कहा, ‘यह सवाल फिर से मत पूछना।’

मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने वरिष्ठ लिंगायत नेताओं के साथ कैसा व्यवहार किया, इसके कई उदाहरण हैं और लोग यह नहीं भूलेंगे कि कैसे कांग्रेस ने पांच साल पहले ‘वोट बैंक’ बनाने के लिए समुदाय को तोड़ने (समुदाय के लिए एक अलग धार्मिक दर्जे की मांग) की कोशिश की थी।

बोम्मई ने कहा, ‘भाजपा में सभी के लिए सम्मान और अवसर है।’

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने दलितों, लिंगायतों और पिछड़े वर्गों को ‘धोखा’ दिया।

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download