पार्टी का गठन 2023 में मुख्यमंत्री बनने के मकसद से नहीं किया: गली जनार्दन रेड्डी

कर्नाटक में विधानसभा के लिए 10 मई को मतदान होगा

मतगणना 13 मई को की जाएगी

गंगावती/भाषा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) के प्रभुत्व वाले कर्नाटक के राजनीतिक मैदान में खनन कारोबारी गली जनार्दन रेड्डी का संगठन भले ही अभी छोटे-छोटे कदम उठा रहा हो, लेकिन उनको भरोसा है कि उनकी नवगठित पार्टी कल्याण राज्य प्रगति पक्ष (केआरपीपी) साल 2028 तक राज्य में अच्छी पकड़ बना लेगी।

आगामी राज्य विधानसभा चुनाव से केआरपीपी अपनी चुनावी पारी का आगाज कर रही है। भाजपा के पूर्व मंत्री रेड्डी ने पिछले साल दिसंबर में पार्टी से नाता तोड़ केआरपीपी का गठन किया था।

रेड्डी ने कहा कि उन्होंने पार्टी का गठन साल 2023 में तुरंत मुख्यमंत्री बनने के मकसद से नहीं किया है।

उन्होंने कहा, ‘मुझ में धीरज है। हम साल 2023 में एक ठोस आधार तैयार करेंगे और 2028 तक हम प्रचंड बहुमत के साथ अपने दम पर सत्ता में आएंगे।’

मुख्यमंत्री बनने के लक्ष्य को लेकर किए गए सवाल पर रेड्डी ने कहा, अभी मुख्यमंत्री पद तक पहुंचना मकसद नहीं है, लेकिन हां, साल 2028 में मेरा और कल्याण राज्य प्रगति पक्ष का मकसद कर्नाटक में अपने दम पर सरकार बनाना होगा।

केआरपीपी का गठन करने के मकसद के बारे में उन्होंने कहा कि लोगों को उन पर भरोसा है क्योंकि ‘उन्हें पता है कि मैं जो वादा करता हूं, उसे पूरा करता हूं।’

चुनाव प्रचार के बीच रेड्डी ने कहा, ‘इससे पहले मैंने भाजपा के लिए काम किया। उन्हें पता है कि मैं कैसे लोगों के लिए काम करता हूं। इसलिए उस आधार पर आज लोगों को मुझसे बहुत उम्मीदें हैं। इस वजह से ही मैंने अपनी पार्टी का गठन किया है।’

उन्होंने कहा कि केआरपीपी 47 निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव लड़ रही है और ‘हमारा लक्ष्य कम से कम 25 सीट पर जीत दर्ज करना है।’

बेल्लारी जिले के बाहर से कर्नाटक की चुनावी राजनीति में फिर से प्रवेश करने वाले रेड्डी कोप्पल जिले के गंगावती से आगामी विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने गंगावती से प्रचंड बहुमत से चुनाव जीतने का विश्वास व्यक्त किया है।

उच्चतम न्यायालय ने अवैध खनन मामले में उनके कर्नाटक के बेल्लारी और आंध्र प्रदेश के अनंतपुर तथा वाईएसआर कडप्पा जिलों में प्रवेश पर रोक लगा दी है।

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बड़ी भूमिका निभाने के सवाल पर रेड्डी ने कहा कि यह परिणामों पर निर्भर करता है और 13 मई को ही इसका पता चल पाएगा।

यह पूछे जाने पर कि त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में वह भाजपा या कांग्रेस में से किसका समर्थन करेंगे, रेड्डी ने कहा, ‘जो कोई भी पार्टी के एजेंडे का समर्थन करेगा, जो वादे मैंने अपनी पार्टी की ओर से जनता से किए हैं उनका समर्थन करेगा, मैं उनका साथ दूंगा।’

उन्होंने कहा कि कुछ दल जाति व धर्म आधारित राजनीति में लिप्त हैं।

जनार्दन रेड्डी ने अपनी पत्नी अरुणा लक्ष्मी के भारी बहुमत से जीत दर्ज करने को लेकर भी विश्वास व्यक्ति किया। रेड्डी की पत्नी उनके बड़े भाई जी. सोमशेखर रेड्डी के खिलाफ बेल्लारी शहर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रही हैं।

कर्नाटक में विधानसभा के लिए 10 मई को मतदान होगा और मतगणना 13 मई को की जाएगी।

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