शिग्गांव/भाषा। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव में हावेरी जिले की शिग्गांव विधानसभा सीट से लगातार चौथी बार निर्वाचित होने के लिए प्रयासरत हैं।
कभी इस क्षेत्र को कांग्रेस का गढ़ माना जाता था, लेकिन वह साल 1999 से यहां जीत हासिल नहीं कर पाई है। जद (एस) और निर्दलीय उम्मीदवारों ने क्रमश: साल 1999 और 2004 में यहां से जीत हासिल की थी।
बोम्मई ने जनता दल (यूनाइटेड) छोड़ने के बाद पहली बार साल 2008 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ा था।
शिग्गांव में अच्छी—खासी मुस्लिम आबादी है और अतीत में एक मुस्लिम विधायक भी यहां से चुने गए थे।
कांग्रेस ने इस निर्वाचन क्षेत्र से यासिर अहमद खान पठान को मैदान में उतारा है, जबकि जद (एस) ने शशिधर येलीगर को टिकट दिया है।
बोम्मई ने साल 2008, 2013 और 2018 में यहां कांग्रेस उम्मीदवार सैयद अजीमपीर खादरी को हराया था। कहा जा रहा है कि खादरी इस बार टिकट नहीं मिलने के कारण कांग्रेस से नाराज हैं।
मुख्यमंत्री के समर्थकों और भाजपा कार्यकर्ताओं के अनुसार, इस बार बोम्मई के लिए चीजें आसान हो सकती हैं, क्योंकि वे मुख्यमंत्री हैं, निर्वाचन क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए विकास कार्यों से मतदाताओं में भरोसा है और उनके सामने कोई ‘मजबूत प्रतिद्वंद्वी’ भी नहीं है।
ओबीसी सूची से मुस्लिमों के लिए चार फीसदी आरक्षण समाप्त करने के बोम्मई सरकार के फैसले को लेकर कुछ आशंका हो सकती है, क्योंकि शिग्गांव में मुस्लिम आबादी अच्छी—खासी है। लेकिन उनके समर्थक और पार्टी कार्यकर्ताओं का दावा है कि समुदाय के नेताओं के साथ मुख्यमंत्री का बेहतरीन तालमेल और उनके द्वारा किए गए विकास कार्य उनकी स्थिति को मजबूत करते हैं।
जब तक भाजपा द्वारा बोम्मई की उम्मीदवारी की घोषणा नहीं की गई थी, तब तक अटकलें लगाई जा रही थीं कि टिकट न मिलने पर वे किसी ओर क्षेत्र से चुनाव लड़ सकते हैं।
बोम्मई ने कहा था, मैंने ईमानदारी से मां कर्नाटक की सेवा की है। आप (लोगों) ने ही मुझे पाला है और मुझे बचाएंगे, मैं अपनी आखिरी सांस तक आपकी सेवा करूंगा। जब मैं मर जाऊं तो मुझे शिग्गांव की मिट्टी में दफना दिया जाए।
बोम्मई राज्यभर में यात्रा करने के साथ-साथ निर्वाचन क्षेत्र में लगातार प्रचार कर रहे हैं। नामांकन वाले दिन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ कन्नड़ फिल्म अभिनेता सुदीप ने भी उनके पक्ष में प्रचार किया। बोम्मई की सुदीप से अच्छी मित्रता है।
वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस नेता पठान मानते हैं कि सत्ता विरोधी लहर का उन्हें फायदा होगा। वे कहते हैं कि लोग भाजपा से नाखुश हैं और चुनाव में इसका असर दिखेगा।