राकांपा समिति के पवार के पद छोड़ने के प्रस्ताव को खारिज करने के बाद कार्यकर्ताओं ने मनाया जश्न

कार्यकर्ताओं ने पटाखे छोड़े और ‘एकच साहेब’ का नारा लगाया

जैसे-जैसे पार्टी नेता राकांपा कार्यालय में पहुंच रहे थे, पार्टी के कार्यकर्ताओं का जोश भी बढ़ता जा रहा था

मुंबई/भाषा। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) का नया अध्यक्ष चुनने के लिए गठित समिति द्वारा जैसे ही एक प्रस्ताव पारित कर पार्टी अध्यक्ष का पद छोड़ने के शरद पवार के फैसले को खारिज किया गया, कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय के बाहर जमकर जश्न मनाया।

कार्यकर्ताओं ने पटाखे छोड़े और ‘एकच साहेब’ (यहां सिर्फ एक बॉस है) का नारा लगाया।

पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता दक्षिण मुंबई में बल्लार्ड एस्टेट में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी कार्यालय के बाहर इकट्ठा हुए थे और पवार से उनके फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग कर रहे थे।

समिति की आधिकारिक बैठक हालांकि सुबह 11 बजे होनी थी, लेकिन नेता और पार्टी कार्यकर्ता निर्धारित समय से काफी पहले पहुंच गए थे।

सभी अच्छे तालमेल में और व्यवस्थित दिखाई दिए – कार्यकर्ताओं ने सफेद रंग की टोपी पहन रखी थी, जिस पर नीले रंग में छपा था, 'मैं साहेब के साथ हूं।' कुछ कार्यकर्ताओं ने पार्टी का झंडा ले रखा था तो कुछ ने हाथ में तख्तियां ले रखी थीं, जिन पर पवार से फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया गया था।

जैसे-जैसे पार्टी नेता राकांपा कार्यालय में पहुंच रहे थे, पार्टी के कार्यकर्ताओं का जोश भी बढ़ता जा रहा था।

एक कार्यकर्ता ने खुद पर मिट्टी का तेल छिड़ककर आत्मदाह की भी कोशिश की, लेकिन साथी कार्यकर्ताओं ने उसे रोक लिया।

लगभग साढ़े ग्यारह बजे यह कमोबेश स्पष्ट हो गया था कि समिति ने पवार के पद छोड़ने के फैसले को खारिज करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया। राकांपा उपाध्यक्ष और समिति के संयोजक प्रफुल्ल पटेल ने जैसे ही यह घोषणा की, कार्यकर्ता खुशी से झूम उठे।

उन्होंने पटाखे छोड़े और ‘एकच साहेब’ का नारा लगाया।

राकांपा के वरिष्ठ नेता और पवार के भतीजे अजित पवार जैसे ही पार्टी कार्यालय से बाहर निकले, समर्थकों के एक समूह ने 'एकच दादा' (एक ही बड़ा भाई है) के नारे लगाए। इस बीच ‘एकच साहेब’ का नारा भी लगता रहा। अजित पवार को राजनीतिक गलियारों में “दादा” के नाम से भी जाना जाता है।

इस हफ्ते की शुरुआत में पवार द्वारा पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की घोषणा के बाद राकांपा कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया था।

शिवसेना के पूर्व लोकसभा सदस्य आनंद परांजपे, जो बाद में एनसीपी में शामिल हो गए, ने कहा, पवार साहब को समिति के प्रस्ताव को स्वीकार करना होगा।

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