यदि हम वोट नहीं देते, तो हमें आलोचना करने का कोई अधिकार नहीं है: नारायण मूर्ति

‘पहले, हम वोट देते हैं, फिर हम कहते हैं कि यह अच्छा है और यह अच्छा नहीं है...'

'यदि हम ऐसा नहीं करते (वोट नहीं देते), तो हमें आलोचना करने का कोई अधिकार नहीं है’

बेंगलूरु/भाषा। सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र की प्रमुख कंपनी इंफोसिस के सहसंस्थापक एनआर नारायण मूर्ति और उनकी पत्नी एवं लेखिका सुधा मूर्ति ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार को मतदान किया और अन्य लोगों से भी मताधिकार का इस्तेमाल करने का अनुरोध किया।

नारायण मूर्ति (76) ने यहां सुबह वोट डालने के बाद कहा, ‘पहले, हम वोट देते हैं, फिर हम कहते हैं कि यह अच्छा है और यह अच्छा नहीं है, लेकिन यदि हम ऐसा नहीं करते (वोट नहीं देते), तो हमें आलोचना करने का कोई अधिकार नहीं है।’

उन्होंने मतदान करते समय अपनी ‘अपेक्षाओं’ के बारे में कहा, ‘मेरी उम्मीद यह है कि मेरे नाती-पोतों के रहने, करियर बनाने, शिक्षा ग्रहण करने और समाज को मूल्यवान योगदान देने के लिहाज से यह स्थान दुनिया का सर्वश्रेष्ठ स्थान हो। मेरी यही उम्मीद है।’

मूर्ति ने कहा, ‘हम सभी आशा करते हैं कि भारत के सबसे दूरस्थ गांव में सबसे गरीब व्यक्ति को भी बुनियादी शिक्षा, अच्छी स्वास्थ्य सेवा, अच्छा पोषण मिले। उम्मीद है कि किसी बच्चे के नाती-पोतों का भविष्य उस बच्चे से भी बेहतर होगा।’

इस दौरान सुधा मूर्ति ने कहा कि नई पीढ़ी को उनसे सीख लेनी चाहिए और अपने मताधिकार का इस्तेमाल करना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘मैं युवाओं से कहूंगी कि कृपया हमारी ओर देखिए। हम बुजुर्ग हो गए हैं, लेकिन हम अब भी छह बजे उठ जाते हैं और तैयार होकर वोट देने आते हैं। कृपया हमसे सीखिए।’

सुधा मूर्ति ने कहा कि मतदान करना लोकतंत्र का एक पवित्र हिस्सा है और लोकतंत्र में यदि मतदाता नहीं है, तो लोकतंत्र ही नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘आपको मतदान का सम्मान करना चाहिए और यदि आप बदलाव चाहते हैं, उसे लागू कराना चाहते हैं या व्यवस्था बनाए रखना चाहते हैं, आप अपनी परियोजनाओं को लागू होते देखना चाहते हैं, तो आपको अपने अधिकार का इस्तेमाल करना चाहिए।’

लेखिका ने लोगों से मतदान की अपील करते हुए कहा, ‘मैं आपसे यह नहीं पूछंगी कि आप किसे वोट देंगे या आप वोट क्यों देंगे, क्योंकि हरेक की अपनी राय और अपना फैसला होता है, लेकिन हरेक को मतदान करना चाहिए। हम हर चुनाव में मतदान करते हैं।’

उन्होंने मतदान किए बिना ‘बाहर जाने वाले’ लोगों के बारे में कहा, ‘मैं केवल यही कह सकती हूं कि जिनमें देशभक्ति नहीं है, वही ऐसी चीजें करते हैं। जल्दी उठिए, पहले मतदान कीजिए और फिर कहीं भी जाइए, जहां आप जाना चाहते हैं।’

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