'मन की बात' में क्या बोले प्रधानमंत्री मोदी?

प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते वर्षों में भारत ने आपदा प्रबंधन की जो ताकत विकसित की है, वो आज एक उदाहरण बन रही है

प्राकृतिक आपदाओं से मुकाबला करने का एक बड़ा तरीका है- प्रकृति का संरक्षण

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम में देशवासियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि बड़े से बड़ा लक्ष्य हो, कठिन से कठिन चुनौती हो, भारत के लोगों का सामूहिक बल, सामूहिक शक्ति, हर चुनौती का हल निकाल देता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते वर्षों में भारत ने आपदा प्रबंधन की जो ताकत विकसित की है, वो आज एक उदाहरण बन रही है। प्राकृतिक आपदाओं से मुकाबला करने का एक बड़ा तरीका है- प्रकृति का संरक्षण। आजकल मानसून के समय में तो इस दिशा में हमारी ज़िम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। इसलिए ही आज देश 'कैच द रेन' जैसे अभियानों के जरिए सामूहिक प्रयास कर रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज की वीरता के साथ ही उनका शासन और उनके प्रबंध कौशल से भी बहुत कुछ सीखने को मिलता है। विशेषकर जल-प्रबंधन और नौसेना को लेकर छत्रपति शिवाजी महाराज ने जो कार्य किए, वो आज भी भारतीय इतिहास का गौरव बढ़ाते हैं। उनके बनाए जलदुर्ग, इतनी शताब्दियों बाद भी समंदर के बीच में आज भी शान से खड़े हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने संकल्प किया है कि साल 2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाने का ... लक्ष्य बहुत बड़ा ज़रूर है। एक समय था जब टीबी का पता चलने के बाद परिवार के लोग ही दूर हो जाते थे, लेकिन यह आज का समय है, जब टीबी के मरीज को परिवार का सदस्य बनाकर उनकी मदद की जा रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जापान की तकनीक मियावाकी ... अगर किसी जगह की मिट्टी उपजाऊ नहीं रही हो तो मियावाकी तकनीक उस क्षेत्र को फिर से हरा-भरा करने का बहुत अच्छा तरीका होती है। मियावाकी जंगल तेजी से फैलते हैं और दो-तीन दशक में जैव विविधता का केंद्र बन जाते हैं। अब इसका प्रसार बहुत तेजी से भारत के भी अलग-अलग हिस्सों में हो रहा है। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के लोगों ने एक कमाल कर दिखाया है। बारामूला में खेती-बाड़ी तो काफी समय से होती है, लेकिन यहां दूध की कमी रहती थी। बारामूला के लोगों ने इस चुनौती को एक अवसर के रूप में लिया। यहां बड़ी संख्या में लोगों ने डेयरी का काम शुरू किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इसी महीने खेल जगत से भारत के लिए कई बड़ी खुशखबरी आई हैं। भारत की टीम ने पहली बार महिला जूनियर एशिया कप जीतकर तिरंगे की शान बढ़ाई है। इसी महीने हमारी पुरुषों की हॉकी टीम ने जूनियर एशिया कप जीता है। इसके साथ ही हम इस टूर्नामेंट के इतिहास में सबसे अधिक जीत दर्ज करने वाली टीम भी बन गए हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जैसे, अभी उत्तर प्रदेश में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम का आयोजन हुआ। इसमें युवाओं में खूब उत्साह और जोश देखने को मिला। इन खेलों में हमारे युवाओं ने ग्यारह रिकॉर्ड तोड़े हैं। इन खेलों में पंजाब विश्वविद्यालय, अमृतसर की गुरु नानक देव विश्वविद्यालय और कर्नाटक की जैन विश्वविद्यालय, पदक तालिका में पहले तीन स्थानों पर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष योग दिवस की थीम है- योगा फॉर वसुधैव कुटुम्बकम् यानी 'एक विश्व एक परिवार' के रूप में सबके कल्याण के लिए योग। यह योग की उस भावना को व्यक्त करता है, जो सबको जोड़ने वाली और साथ लेकर चलने वाली है। हर बार की तरह इस बार भी देश के कोने-कोने में योग से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 20 जून को ऐतिहासिक रथयात्रा का दिन है। रथयात्रा की पूरी दुनिया में एक विशिष्ट पहचान है। देश के अलग-अलग राज्यों में बहुत धूमधाम से भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली जाती है। ओडिशा के पुरी में होने वाली रथयात्रा तो अपने आप में अद्भुत होती है। जब मैं गुजरात में था तो मुझे अहमदाबाद में होने वाली विशाल रथयात्रा में शामिल होने का अवसर मिलता था।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है। हम अपने लोकतांत्रिक आदर्शों को सर्वोपरि मानते हैं, अपने संविधान को सर्वोपरि मानते हैं, इसलिए हम 25 जून को भी कभी भुला नहीं सकते। यह वही दिन है जब हमारे देश पर इमरजेंसी थोपी गई थी। यह भारत के इतिहास का काला दौर था।

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