इन दिनों सोशल मीडिया 'इन्फ्लुएंसरों' का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। इसका सकारात्मक पक्ष यह है कि लोगों को अपना हुनर दिखाने का मौका मिल रहा है। चूंकि सोशल मीडिया के आने से पहले ऐसा कोई मंच नहीं था, जहां लोग इस तरह अपनी राय देते और धन भी कमाते।
इसका नकारात्मक पक्ष यह है कि कई बार लोग तथ्यों की जांच किए बिना ही भरोसा कर लेते हैं, जिससे उन्हें नुकसान होता है। इन इन्फ्लुएंसरों पर भी अपने प्रशंसकों के लिए अच्छी सामग्री पेश करने का काफी दबाव होता है। इसलिए वे कोशिश करते हैं कि जिस क्षेत्र से संबंधित जानकारी/सलाह दें, खुद को भी उस पर अमल करता दिखाएं।
चीन की एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर अपने प्रशंसकों को वजन घटाने के लिए सलाह देती थी। उसके प्रशंसक उसे सुईहुआ नाम से जानते थे। चूंकि उसका वजन करीब 156 किलोग्राम था, इसलिए वह उसे तेजी से कम कर अपने प्रशंसकों को दिखाना चाहती थी कि वे भी ऐसा कर सकते हैं। उसने इसके लिए जो तरीके आजमाए, उनका नतीजा बहुत भयानक निकला। सुईहुआ की मौत हो गई।
वह एक कैंप में भाग ले रही थी। इसी दौरान तबीयत बिगड़ गई और उसने सिर्फ 21 साल की उम्र में दम तोड़ दिया। इस घटना के बाद चीनी सरकार वजन घटाने का दावा करने वाले शिविरों और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसरों पर सख्ती बरत रही है।
निस्संदेह आज लोगों की जीवनशैली में बदलाव आने से मोटापा बढ़ता जा रहा है। पहले शारीरिक श्रम अधिक करना पड़ता था। अब यह कम हो गया, जिससे मोटापा समेत कई समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। चीन की तरह भारत में भी लोग वजन कम करने के लिए सोशल मीडिया 'इन्फ्लुएंसरों' से टिप्स लेते हैं।
मोटापे को दूर करने और संतुलित वजन कायम रखने के लिए प्रकृति के अनुकूल जीवनशैली होनी चाहिए। साथ ही विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार खान-पान, व्यायाम, किसी औषधि का सेवन किया जा सकता है। यह ध्यान में रखना जरूरी है कि तुरंत मनचाहे नतीजे नहीं मिलते। अगर जरूरत से ज्यादा व्यायाम करेंगे, उचित मात्रा में भोजन नहीं करेंगे तो स्वास्थ्य को भारी नुकसान हो सकता है।
सुईहुआ के मामले में भी ऐसा हुआ था। वह अपना वजन 156 किलोग्राम से घटाकर 100 किलोग्राम करना चाहती थी। वह सोशल मीडिया पर कठिन व्यायाम के वीडियो शेयर कर अपने प्रशंसकों को यह दिखाना चाहती थी कि जल्द ही लक्ष्य को प्राप्त कर लेगी। निश्चित रूप से उस पर अपने प्रशंसकों को यह दिखाने का दबाव था कि वह निर्धारित अवधि से पहले ही वजन कम कर ले, ताकि ज्यादा संख्या में लोग उससे जुड़ें। अगर कोई इन्फ्लुएंसर न भी हो और उसका वजन ज्यादा हो तो उसे खुद पर ऐसा कोई दबाव नहीं लेना चाहिए। अगर दबाव लेंगे तो फायदे की जगह नुकसान हो सकता है।
आज खासतौर से युवा पीढ़ी ऐसा दबाव ज्यादा महसूस करती है। प्राय: कुछ लोग उन पर ऐसी टिप्पणियां भी कर देते हैं, जो नहीं करनी चाहिएं। अगर वजन कम करना है तो व्यायाम, खान-पान और परहेज में विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार नियमितता रखें, लेकिन यह उम्मीद कभी न रखें कि रातोंरात नतीजे मिल जाएंगे और न यह ठानें कि एक ही दिन में पूरा व्यायाम कर लेंगे।
प्रकृति का नियम है कि जो काम निर्धारित समयावधि में होते हैं, वे उचित फल देते हैं। अगर किसान एक ही दिन में फसल बोकर भरपूर सिंचाई कर दे और उम्मीद करे कि कल उसके खेत में खूब उपज होगी, तो ऐसा नहीं होता है। उसे नियमपूर्वक निर्धारित कार्य करने होते हैं। उसके बाद तय अवधि में फसल तैयार होती है।
मानव शरीर के संबंध में भी ऐसा ही है। न तो एक ही दिन में कोई जरूरत से ज्यादा औषधि का सेवन कर स्वस्थ हो सकता है, न एक ही दिन में दांव-पेच सीखकर कोई पहलवान बन सकता है और न एक ही दिन में खूब व्यायाम कर वजन घटाया जा सकता है। अगर कोई ऐसा करेगा तो नुकसान उठाएगा।