भाजपा ने विपक्षी दलों की बैठक को ‘फोटो सेशन’ बताया, 2024 में मोदी की जीत का दावा किया

जम्मू में एक जनसभा को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, ‘आज पटना में एक फोटो सेशन चल रहा है'

उन्होंने कहा, ‘मैं सारे विपक्ष के नेताओं को यह कहना चाहता हूं कि कितने भी हाथ मिला लो ...'

नई दिल्ली/भाषा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी दलों की एकजुटता की कवायद को शुक्रवार को ‘फोटो सेशन’ और ‘तमाशा’ करार दिया और आपातकाल का हवाला देते हुए इसकी मेजबानी कर रहे दलों के शीर्ष नेताओं को याद दिलाया कि कांग्रेस की नेता व पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ही उन्हें मीसाबंदी बनाकर जेल में डाला था।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दावा किया कि विपक्षी दल कितने भी एकजुट हो जाएं लेकिन साल 2024 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री बनना तय है, वहीं भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि जिन नेताओं ने हमेशा कांग्रेस के विरोध की राजनीति की वे आज पटना में एक-दूसरे से गलबहियां कर रहे हैं।

जम्मू में एक जनसभा को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, ‘आज पटना में एक फोटो सेशन चल रहा है। सारे विपक्ष के नेता एक मंच पर इकट्ठा हो रहे हैं और संदेश देना चाहते हैं कि हम भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी को चुनौती देंगे।’

उन्होंने कहा, ‘मैं सारे विपक्ष के नेताओं को यह कहना चाहता हूं कि कितने भी हाथ मिला लो, आपकी एकता कभी संभव नहीं है। और हो भी गई ... कितने भी इकट्ठा हो जाइए और जनता के सामने आ जाइए ... साल 2024 में 300 से ज्यादा सीटों के साथ नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री बनना तय है।’

शाह ने प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिकी दौरे के बीच बैठक का आयोजन करने के लिए विपक्षी दलों पर निशाना साधा।

उन्होंने कहा, ‘इन लोगों ने ये तमाशा तारीख देखकर किया है। तीन दिन से प्रधानमंत्री अमेरिका के दौरे पर हैं। बहुत समय बाद भारत के प्रधानमंत्री की राजकीय यात्रा हो रही है। जिस प्रकार का सम्मान उन्हें अमेरिका में मिला है, वह न तो पूर्व में कभी हुआ है और न ही भविष्य में कभी होगा।’

विपक्ष के करीब 15 प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं की एक बैठक पटना में हो रही है। इसमें वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को कड़ी चुनौती देने के मकसद से एक मजबूत मोर्चा बनाने की रणनीति पर मंथन हो रहा है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव इस बैठक की मेजबानी कर रहे हैं। यह बैठक मुख्यमंत्री आवास ‘1 अणे मार्ग’ पर हो रही है।

उधर, ओडिशा के कालाहांडी जिले के भवानीपटना में एक रैली को संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा कि आज जब सभी विपक्षी दल पटना में गलबहियां कर रहे हैं तो उन्हें आश्चर्य होता है कि कांग्रेस विरोध के साथ अपनी राजनीति को आगे बढ़ाने वाले नेताओं की स्थिति क्या से क्या हो गई है।

उन्होंने कहा, यही लालू प्रसाद यादव पूरे 22 महीने जेल में रहे। कांग्रेस की इंदिरा ... राहुल की दादी ने उन्हें जेल में डाला था। यही नीतीश कुमार पूरे 20 महीने जेल की सलाखों के पीछे रहे ... कांग्रेस की इंदिरा गांधी ने उन्हें जेल में डाला था ...।

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए नड्डा ने कहा कि हिन्दुओं की बात करने वाले उनके पिता बालासाहेब ठाकरे कहा करते थे कि वे शिवसेना को कभी कांग्रेस नहीं बनने देंगे और जिस दिन कांग्रेस से हाथ मिलाना पड़े तो वह अपनी दुकान बंद कर देंगे।

नड्डा ने कहा, आज बालासाहेब ठाकरे सोचते होंगे किसी और ने नहीं, बल्कि उनके बेटे ने ही उनकी दुकान बंद कर दी है।

उन्होंने कहा, यह परिस्थिति आज हो गई है। यह कैसी राजनीति ... आज पटना की धरती में राहुल गांधी (पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष) का आदर सहित स्वागत करते हुए मैं जब इनकी तस्वीरें देख रहा हूं तो मुझे याद आता है कि राजनीति में क्या से क्या हो गया? कहां से चले थे कहां पहुंच गए?’

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे एवं पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार और विपक्ष के कई अन्य नेता इस बैठक में भाग ले रहे हैं।

नड्डा ने इस अवसर पर परिवारवाद और वोटबैंक की राजनीति का आरोप लगाया और दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश में विकासवाद और रिपोर्ट कार्ड की राजनीति की एक नई संस्कृति आरंभ की है।

विपक्षी नेताओं की ओर से प्रधानमंत्री को निशाना बनाए जाने पर भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘जब दुनिया में प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा होती है, तो यहां कांग्रेसी नेताओं के पेट में मरोड़ उठते हैं। उनको पसंद नहीं आता कि दुनिया में मोदी की प्रशंसा हो रही है।’

राजधानी दिल्ली में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी विपक्षी दलों पर निशाना साधा और कहा कि इससे यह साबित हो गया है कि कांग्रेस अकेले मोदी को नहीं हरा सकती, इसलिए उसे दूसरों का सहारा चाहिए।

भाजपा मुख्यालय में जनता दल (यूनाइटेड) और अन्य विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए ईरानी ने कहा कि यह ‘विडंबना’ है कि आपातकाल के दौरान ‘लोकतंत्र की हत्या’ के गवाह रहे कुछ नेता पटना में कांग्रेस की छत्रछाया में एकत्र हुए हैं।

उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, मैं विशेष रूप से कांग्रेस का आभार व्यक्त करना चाहती हूं जिसने सार्वजनिक तौर पर घोषित कर दिया है कि वह अकेले मोदी को हराने में नाकाम है। इसलिए उसे सहारे की जरूरत है।

उन्होंने कहा, सत्ता महलों से निकलकर लोगों के पास चली गई है। यही कारण है कि जो लोग अपनी राजनीतिक विरासत पर घमंड करते हैं, उन्हें अब उन लोगों के पास जाना पड़ रहा है जिनको उन्होंने आपातकाल के दौरान सलाखों के पीछे डाल दिया था।

उल्लेखनीय है कि 25 जून, 1975 को देश में आपातकाल घोषित किया गया था, जो 21 मार्च 1977 तक 21 महीने की लंबी अवधि तक रहा। इस कालखंड में विरोधियों को ‘मेनटेनेंस ऑफ इंटरनल सिक्योरिटी एक्ट’ (मीसा) के तहत जेल में डाल दिया गया था। नीतीश और लालू भी उन नेताओं में शुमार हैं, जिन्होंने आपातकाल के खिलाफ आवाज उठाई थी। इसके बाद आगे चलकर दोनों ही बिहार की राजनीति में प्रमुख नेता बनकर उभरे थे।

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