मुंबई/भाषा। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के गुट वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने बृहस्पतिवार को कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत गठबंधन सरकार में शामिल होने से पहले कानूनी विशेषज्ञों से सलाह ली गई थी, ताकि सदस्यों की विधानसभा से अयोग्यता की नौबत न आए।
अजित पवार ने शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गठबंधन सरकार में गत रविवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली, वहीं भुजबल सहित पार्टी के आठ अन्य नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली थी।
भुजबल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अजित पवार और अन्य नेता इस बात पर फैसला करेंगे कि पार्टी के पोस्टरों में शरद पवार की तस्वीरों का इस्तेमाल किया जाए या नहीं।
शरद पवार ने अजीत पवार गुट की ओर से अपने आयोजनों में अपनी तस्वीर लगाए जाने पर आपत्ति जताई थी और उन्होंने कहा था कि उनकी अनुमति के बगैर ऐसा नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा था कि केवल समान विचारधारा वाले लोगों द्वारा ही उनकी तस्वीर का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
शरद पवार की आपत्ति के बावजूद बुधवार को हुई एक बैठक में अजीत पवार गुट के नेताओं ने उनकी तस्वीर मंच पर लगाई थी।
भुजबल ने कहा कि राकांपा के 42 से 43 विधायकों ने अजित पवार के समर्थन वाले हलफनामे पर हस्ताक्षर किए हैं।
उन्होंने कहा, ‘जब अजित पवार के नेतृत्व में सरकार में शामिल होने का फैसला किया गया तो इससे पहले कानून विशेषज्ञों से सलाह ली गई और उसके बाद अंतिम निर्णय किया गया।’
भुजबल ने कहा, ‘दो-चार विशेषज्ञों से परामर्श करने के बाद अयोग्यता से बचने के लिए कदम उठाए गए।’
उन्होंने दावा कि महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने से पहले पार्टी के संविधान तथा चुनावी नियमों का पालन किया गया।
भुजबल ने कहा, ‘हमने पहले शरद पवार को सुझाव दिया था कि उनकी बेटी को राकांपा अध्यक्ष बनाया जाए और अजित पवार को महाराष्ट्र संभालने की अनुमति दी जाए।’