मानहानि मामला: राहुल को झटका, न्यायालय ने दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इन्कार किया

अगर दोषसिद्धि पर रोक लगती तो राहुल की संसद सदस्यता बहाल होने का मार्ग प्रशस्त हो जाता

मई में राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था

अहमदाबाद/दक्षिण भारत/भाषा। मोदी उपनाम वाली टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि मामले में गुजरात उच्च न्यायालय से कांग्रेस नेता राहुल गांधी को झटका लगा है। न्यायालय ने दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया है। 

अगर दोषसिद्धि पर रोक लगती तो राहुल की संसद सदस्यता बहाल होने का मार्ग प्रशस्त हो जाता। 

न्यायमूर्ति प्रच्छक ने मई में राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि वे ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद अंतिम आदेश पारित करेंगे।

राहुल गांधी के वकील ने 29 अप्रैल को सुनवाई के दौरान गुजरात उच्च न्यायालय में तर्क दिया था कि एक जमानती एवं गैर-संज्ञेय अपराध के लिए अधिकतम दो साल की सजा देने का मतलब है कि उनके मुवक्किल अपनी लोकसभा सीट खो सकते हैं।

गुजरात में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर 2019 के मामले में सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी।

फैसले के बाद गांधी को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। राहुल गांधी 2019 में केरल के वायनाड से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे।

About The Author: News Desk