सैन फ्रांसिस्को/ बेंगलूरु/भाषा। चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण से सिलिकॉन वैली में स्टार्टअप और बड़ी कंपनियों के भारतीय मूल के शीर्ष अधिकारियों में खुशी एवं गर्व का माहौल है। अब उनकी नजरें इस पर टिकी हैं कि भारत के लिए आगे किस तरह की संभावनाएं हो सकती हैं।
प्रौद्योगिकी कंपनियों के गढ़ सिलिकॉन वैली में मौजूद कुछ कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों का मानना है कि चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण ने प्रौद्योगिकी जगत के प्रमुख क्षेत्रों में भारत के वैश्विक अगुआ के रूप में उभरने का संकेत दिया है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार को श्रीहरिकोटा स्थित प्रक्षेपण केंद्र से एलवीएम3-एम4 रॉकेट के जरिए अपने तीसरे चंद्र अभियान ‘चंद्रयान-3’ का सफल प्रक्षेपण किया। इस अभियान के तहत चंद्रमा की सतह पर एक बार फिर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का प्रयास किया जाएगा।
उद्यमी, इंजीनियर एवं उद्यम पूंजीपति और मल्टी-क्लाउड डाटा कंट्रोल कंपनी रुब्रिक के सह-संस्थापक बिपुल सिन्हा ने कहा,चंद्रयान भारत और दुनिया भर में बसे भारतीय मूल के लोगों के लिए गर्व का क्षण है।
उन्होंने कहा, चंद्रयान का उद्देश्य सिर्फ चंद्रमा पर उतरना नहीं है, बल्कि यह वह प्रौद्योगिकी और प्रेरणा है जो भारत सबको दिखा रहा है कि भविष्य क्या हो सकता है।
ग्लीन एआई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अरविंद जैन ने कहा, भारत अब दुनिया की सभी कंपनियों के लिए मुख्य नवाचार इंजन का हिस्सा है। कई वर्षों तक भारत में बड़ी संख्या में शैक्षणिक संस्थानों में किए गए निवेश और हर साल निकलने वाले नए इंजीनियरों की बड़ी संख्या के दम पर भारत प्रौद्योगिकी और शोध एवं विकास (आरएंडडी) प्रतिभा का भविष्य बन चुका है।
सिलिकॉन वैली में स्थित एआई (कृत्रिम मेधा) कंपनी यूनीफोर के सह-संस्थापक एवं सीईओ उमेश सचदेव ने कहा कि चंद्रयान-3 ने भारत की विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षमताओं के युग के आगमन का संकेत दे दिया है।
उन्होंने कहा, वैश्विक और भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र के नजरिए से यह एक बड़ा मुकाम है। भारत सिर्फ पश्चिम की कंपनियों और विकसित प्रौद्योगिकियों का अनुयायी या समर्थन देने वाला नहीं है। भारत विशिष्ट उद्योगों में नेतृत्व करना शुरू कर सकता है।
डेटा प्रौद्योगिकी स्टार्टअप टीसेकंड के संस्थापक एवं सीईओ साहिल चावला ने कहा कि भारत ने लगभग 670 करोड़ रुपए के बजट में इस अंतरिक्ष अभियान को अंजाम देकर इतिहास बना दिया है और यह दुनिया भर में अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए बदलाव लाने वाला साबित होगा।