कांग्रेस का पैटर्न ... कोई चीज लेकर आना, बहस से भागना, आरोप लगाना: भाजपा

रविशंकर प्रसाद ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि संसद के दोनों सदनों में हम इस पर बहस चाहते थे ...

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। वरिष्ठ भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि जो घटना मणिपुर की है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है, हम सभी आहत हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कड़े शब्दों में इसकी निंदा की है, कड़ी कार्रवाई का आग्रह किया है और महिलाओं की सुरक्षा के बारे में देश में जागृति फैलाने की बात की है।

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि संसद के दोनों सदनों में हम इस पर बहस चाहते थे, क्योंकि यह हमारे लिए गंभीर विषय है। मोदी सरकार देश की बहन-बेटियों की इज्जत के बारे में बहुत ही गंभीर और संवेदनशील है।

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह बहुत पीड़ा की बात है कि आज जब राज्यसभा में पीयूष गोयल ने और लोकसभा में प्रह्लाद जोशी ने साफ-साफ कहा था कि हम मणिपुर पर चर्चा करने को तैयार हैं, तो कांग्रेस पार्टी और विपक्ष किस क्लॉज में चर्चा हो, इस पर बहस कर रहे हैं। विपक्ष के लिए ​मणिपुर की घटना जरूरी नहीं है, क्लॉज जरूरी है।

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भाजपा, कांग्रेस से पूछना चाहती है कि आप चाहते क्या हैं? संसद में सार्थक बहस चाहते हैं या रूल पर अपना इगो चाहते हैं? कांग्रेस वाले हर सदन से पहले एक गुब्बारा छोड़ते हैं और फिर बहस से भाग जाते हैं। आप सभी को याद होगा ... वो पेगासस की बात लेकर आए थे, सरकार की ओर से जवाब दिया गया। कहा- उच्चतम न्यायालय से इन्क्वायरी होनी चाहिए और जब इन्क्वायरी हुई तो राहुल गांधी ने अपना ही फोन नहीं दिया। कांग्रेस के इन कुकृत्यों को याद किया जाना चाहिए।

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने एक पैटर्न बना रखा है। हर सदन से पहले कोई चीज लेकर आना, फिर बहस नहीं होने देना, फिर बहस से भागना और फिर आरोप लगाना कि नरेंद्र मोदी सरकार बहस नहीं करना चाहती है। यह पैटर्न देश को बताना जरूरी है।

मणिपुर में जो हुआ, वह शर्मनाक है, दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन अब स्थिति सामान्य है और मुख्यमंत्री ने बताया कि एक आरोपी गिरफ्तार कर लिया गया है। मेरे मन में एक सवाल उठता है- संदेहास्पद परिस्थितियों का ... कि आज हम जुलाई में हैं और मई के पहले सप्ताह की घटना एकाएक ट्विटर पर आ जाती है, सदन शुरू होने से पहले! यह क्या है?

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