अलीगढ़/भाषा। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) प्रशासन वैश्विक आतंकवादी संगठन (आईएसआईएस) का सदस्य होने के आरोप में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा गिरफ्तार किए गए 19 वर्षीय छात्र फैज़ान अंसारी उर्फ 'फैज़' के सभी दस्तावेजों की जांच करा रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
एएमयू के प्रॉक्टर मोहम्मद वसीम ने शुक्रवार को बताया कि एएमयू के अधिकारियों द्वारा फैजान अंसारी के पूरे रिकॉर्ड की जांच की जा रही है तथा गर्मी की छुट्टियों के बाद विश्वविद्यालय का नियमित कामकाज शुरू होने पर उसके बारे में और ज्यादा जानकारी मिल जाएगी।
प्रॉक्टर के अनुसार, फैजान अंसारी को 2022 में विश्वविद्यालय में स्नातक में प्रवेश मिला था और उसने विश्वविद्यालय के छात्रावास के लिए भी आवेदन किया था, लेकिन वहां जगह न होने की वजह से वह परिसर में नहीं रहता था। वह किराए के आवास में रह रहा था।
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय यह पता लगाने के लिए रिकॉर्ड की जांच कर रहा है कि फैजान जून में वार्षिक परीक्षाओं में शामिल हुआ था या नहीं। अधिकारियों ने कहा कि वह इस साल की शुरुआत में पहले सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल हुआ था।
एनआईए के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया था कि छात्र के झारखंड स्थित मकान तथा उत्तर प्रदेश में किराए के मकान की तलाशी लेने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
अधिकारी ने कहा था कि देश में चल रहे आईएसआईएस के मॉड्यूल के खिलाफ जारी कार्रवाई के क्रम में छात्र फैजान अंसारी उर्फ ‘फैज’ को गिरफ्तार किया गया।
झारखंड के लोहरदगा जिले में अंसारी के घर और उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में किराए के कमरे पर 16 और 17 जुलाई को तलाशी ली गई थी तथा इस दौरान कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और आपत्तिजनक सामग्री एवं दस्तावेज जब्त किए गए।
अधिकारी ने कहा, ‘अंसारी ने भारत में आईएसआईएस की गतिविधियों का समर्थन करने और विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर संगठन के प्रचार के वास्ते अपने सहयोगियों तथा अन्य अज्ञात व्यक्तियों के साथ आपराधिक साजिश रची थी। इस साजिश का मकसद आईएसआईएस की तरफ से भारत में आतंकी हमले करना था।’
उन्होंने बताया कि जांच में पता चला है कि अंसारी और उसके सहयोगियों ने आईएसआईएस का साथ देने का ‘संकल्प’ लिया था।