सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक पहले भारी घाटे और एनपीए के लिए जाने जाते थे: मोदी

मोदी ने करीब 70 हजार लोगों को डिजिटल माध्यम से नियुक्ति पत्र सौंपे

मोदी ने कहा कि ‘फोन बैंकिंग’ घोटाला पूर्ववर्ती सरकार के सबसे बड़े घोटालों में से एक था

नई दिल्ली/भाषा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को केंद्र की पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि संप्रग सरकार ने ‘घोटाले’ कर बैंकों को बर्बाद कर दिया था, लेकिन उनकी सरकार ने बैंकों की वित्तीय सेहत को बहाल किया और अब भारत अपने मजबूत बैंकिंग क्षेत्र के लिए जाना जाता है।

करीब 70 हजार लोगों को डिजिटल माध्यम से नियुक्ति पत्र सौंपने के बाद रोजगार मेला को संबोधित करते हुए मोदी ने रेखांकित किया कि नियुक्ति पाने वालों में बड़ी संख्या में ऐसे लोग शामिल हैं, जो बैंकिंग क्षेत्र में काम करेंगे।

उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी सरकार द्वारा सुधारात्मक कदम उठाए जाने से पहले पूर्ववर्ती सरकार ने बैंकिंग क्षेत्र को ‘बर्बाद’ कर दिया था।

मोदी ने कहा कि ‘फोन बैंकिंग’ घोटाला पूर्ववर्ती सरकार के सबसे बड़े घोटालों में से एक था, जिसकी वजह से बैंकिंग प्रणाली की कमर टूट गई थी।

उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के लिए फोन बैंकिंग की अवधारणा अलग थी, क्योंकि उस समय हजारों करोड़ रुपए का ऋण कुछ नेताओं और परिवारों के चहेते लोगों को दिए जाते थे और ये ऋण वापस करने के लिए नहीं होते थे।

मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने बैंक प्रबंधन को मजबूत करने, छोटे बैंकों का विलय करने और इस क्षेत्र की मदद के लिए पेशेवर माहौल बनाने सहित कई कदम उठाए हैं।

उन्होंने कहा कि पहले सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक हजारों करोड़ रुपये के घाटे और गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) की वजह से जाने जाते थे, लेकिन अब वे रिकॉर्ड लाभ के लिए जाने जाते हैं।

प्रधानमंत्री ने लोगों की सेवा करने और ‘मुद्रा’ योजना के तहत ऋण के माध्यम से गरीबों और असंगठित क्षेत्रों की मदद करने तथा महिला स्वयं सहायता समूहों का समर्थन करने के लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं को क्रियान्वित करने के वास्ते बैंकिंग क्षेत्र के कर्मचारियों की कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता की प्रशंसा की।

मोदी ने कहा कि भारत वैश्विक विश्वास एवं आकर्षण के केंद्र के रूप में उभरा है और देश को इसका भरपूर इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत में विभिन्न क्षेत्रों में अवसर बढ़ रहे हैं।

About The Author: News Desk