ज्ञानवापी विवाद पर न्यायालय का आदेश: परिसर में कोई तोड़-फोड़ या खुदाई का काम नहीं किया जाए

पीठ ने कहा, हम याचिका पर दोपहर दो बजे सुनवाई करेंगे

याचिका में वाराणसी की एक अदालत के उस आदेश पर रोक लगाने का आग्रह किया गया

नई दिल्ली/भाषा। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को आदेश दिया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) यह निर्धारित करने के लिए कोई तोड़-फोड़ नहीं करे कि वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद एक मंदिर पर बनाई गई थी या नहीं।

शीर्ष अदालत मस्जिद समिति द्वारा दायर याचिका पर सोमवार को दोपहर दो बजे सुनवाई के लिए सहमत हो गई। इस याचिका में वाराणसी की एक अदालत के उस आदेश पर रोक लगाने का आग्रह किया गया है, जिसमें एएसआई को यह पता लगाने के लिए वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया गया है कि मस्जिद का निर्माण मंदिर पर किया गया था या नहीं।

प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने मस्जिद समिति की ओर से अदालत में पेश हुए वरिष्ठ वकील हुजेफा अहमदी की दलील का संज्ञान लिया कि मामले में तत्काल सुनवाई की जानी चाहिए।

शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को एएसआई की टीम को यह सूचित करने का निर्देश दिया कि मस्जिद परिसर में ‘तोड़-फोड़ का कोई कार्य’ या खुदाई नहीं होनी चाहिए।

पीठ ने कहा, हम (याचिका पर) दोपहर दो बजे सुनवाई करेंगे।

वाराणसी की एक अदालत ने शुक्रवार को काशी विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित मां शृंगार गौरी-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष की मांग को स्वीकार करते हुए वजूखाने को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर का पुरातात्विक एवं वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने की अनुमति दे दी थी।

जिला न्यायाधीश एके विश्वेश ने एएसआई को सर्वेक्षण कार्यवाही की वीडियो क्लिप और तस्वीरों के साथ चार अगस्त तक अदालत में एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।

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