जमीन की कीमतों में उछाल से दक्षिण के विधायक ज्यादा मालदार

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की एक रिपोर्ट में दावा

शीर्ष 100 की सूची में शामिल 52 विधायकों में से सबसे ज्यादा 34 कर्नाटक से हैं

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। देश के 28 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के 100 सबसे अमीर विधायकों में से आधे से ज्यादा चार दक्षिणी राज्यों कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना से हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है।

इसके अनुसार, शीर्ष 100 की सूची में शामिल 52 विधायकों में से सबसे ज्यादा 34 कर्नाटक से हैं। इसके बाद आंध्र प्रदेश से 10, तमिलनाडु से पांच और तेलंगाना से तीन विधायक हैं।

इससे यह भी पता चलता है कि दक्षिण में राजनीति में आने वाले उच्च आय वाले लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। इसका मुख्य कारण दक्षिण भारतीय राज्यों के प्रमुख शहरों और उनकी राजधानियों के आसपास जमीन की कीमतों में आया उछाल भी शामिल है।

यह भी माना गया है कि इसके पीछे संपत्ति घोषित करने में पारदर्शिता की बड़ी भूमिका है। दक्षिण के ज्यादातर विधायकों ने कई जगह निवेश किए हैं, जो काफी हद तक कानूनी हैं। 

बताया गया है कि उत्तरी राज्यों के विपरीत दक्षिणी राज्यों के अधिकांश विधायकों के पास अधिक सफेद धन है, जो उन्होंने हलफनामे में घोषित किया है।

हालांकि विश्लेषक दक्षिणी राज्यों में उत्तरी राज्यों के विधायकों की तुलना में अधिक अरबपति विधायकों के होने की और भी वजह मानते हैं। 

बताया गया कि दक्षिणी राज्यों के जो विधायक अरबपति हैं, उन्होंने रियल एस्टेट में भारी निवेश किया है। जब शहरों और उनके आसपास जमीन की कीमतों में उछाल आया तो विधायकों की दौलत भी बढ़ गई।

शीर्ष तीन सबसे अमीर विधायक कर्नाटक से हैं। उनका अचल संपत्ति में संयुक्त निवेश करीब 2,198 करोड़ रुपए बनता है। उनकी घोषित संपत्ति 3,836 करोड़ रुपए की है।

दौलत में उछाल नजर आने की ए​क और बड़ी वजह हालिया विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। जब विधायक चुनाव में जाते हैं तो हलफनामे में दिए गए संपत्ति के ब्योरे में उछाल दिखाई देता है।

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