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किम्स में हुई दुर्लभ सर्जरी, घुमावदार रीढ़ की हड्डी सीधी की

ओडिशा के किसी निजी अस्पताल में पहली बार रीढ़ की हड्डी की इतनी जटिल सर्जरी की गई है

किम्स में हुई दुर्लभ सर्जरी, घुमावदार रीढ़ की हड्डी सीधी की
डॉ. राउत और उनकी मेडिकल टीम इसे महज 4 घंटे में अंजाम देने में सफल रही

भुवनेश्वर/दक्षिण भारत। किम्स के डॉक्टरों ने एक लड़की की घुमावदार रीढ़ की हड्डी की सफलतापूर्वक सर्जरी की है। लंबे समय से स्कोलियोसिस नामक रीढ़ की समस्या से जूझ रही लड़की के माता-पिता ने प्रतिष्ठित अस्पताल से भी निराश होने के बाद आखिरकार किम्स के डॉक्टर से परामर्श किया। 

यहां आर्थोपेडिक विशेषज्ञ और सर्जन डॉ. जितेंद्र कुमार राउत ने 'इडियोपैथिक स्कोलियोसिस' नामक रीढ़ की हड्डी की समस्या का निदान किया और सर्जरी का सुझाव दिया। डॉ. संजीव गिरि और डॉ. राजमोहन ने सर्जरी की।

डॉ. राउत ने बताया कि लड़की की रीढ़ की हड्डी 'एस' आकार की हो गई थी, जिससे भविष्य में उसके लिए और अधिक समस्याएं पैदा कर सकती थी। किम्स में कुशल डॉक्टरों, उन्नत तकनीक और उपकरणों की उपलब्धता के कारण रीढ़ की हड्डी की ऐसी दुर्लभ सर्जरी संभव हुई। मरीज अब पूरी तरह से ठीक है। डॉ. राउत ने कहा कि कुछ दिनों के आराम के बाद वह  सामान्य जीवन जी सकती है।

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डॉ. राउत ने कहा कि यह बीमारी आमतौर पर 10 से 15 साल की उम्र के बीच दिखाई देती है। यदि सही समय पर इलाज हो जाता है तो बीमारी ठीक हो सकती है।

गौरतलब है कि ओडिशा के किसी निजी अस्पताल में पहली बार रीढ़ की हड्डी की इतनी जटिल सर्जरी की गई है। इस सर्जरी में आमतौर पर सात-आठ घंटे लगते हैं, लेकिन डॉ. राउत और उनकी मेडिकल टीम इसे महज 4 घंटे में अंजाम देने में सफल रही। 

दुर्लभ सर्जरी के लिए केआईआईटी, केआईएसएस और किम्स के संस्थापक डॉ. अच्युत सामंत ने डॉ. राउत और उनकी मेडिकल टीम को धन्यवाद दिया और बच्ची के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। बीजू स्वास्थ्य कल्याण योजना (बीएसवाई) के तहत मुफ्त इलाज किया गया।

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