ज्ञानवापी परिसर में एएसआई के वैज्ञानिक सर्वेक्षण को उच्चतम न्यायालय की हरी झंडी

क्या 17वीं शताब्दी की मस्जिद का निर्माण एक हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना पर किया गया है?

पीठ ने एएसआई को सर्वेक्षण के दौरान किसी भी तरह की तोड़फोड़ की कार्रवाई से मना कर दिया

नई दिल्ली/भाषा। उच्चतम न्यायालय ने हिंदू पक्ष को राहत देते हुए शुक्रवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया, जिसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में वैज्ञानिक सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी।

सर्वेक्षण यह तय करने के लिए किया जा रहा है कि क्या 17वीं शताब्दी की मस्जिद का निर्माण एक हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना पर किया गया है।

प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने एएसआई को सर्वेक्षण के दौरान किसी भी तरह की तोड़फोड़ की कार्रवाई से मना कर दिया।

पीठ ने एएसआई और उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों का संज्ञान लिया कि सर्वेक्षण के दौरान कोई खुदाई नहीं की जाएगी और न ही संरचना को कोई नुकसान पहुंचाया जाएगा।

एक जिला अदालत ने एएसआई को यह निर्धारित करने के लिए सर्वेक्षण का निर्देश दिया था कि क्या मस्जिद पहले से मौजूद मंदिर पर बनाई गई थी। इस फैसले को अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी, लेकिन इसने बृहस्पतिवार को याचिका खारिज कर दी थी। उसके बाद यह मामला उच्चतम न्यायालय पहुंचा था।

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