उच्चतम न्यायालय का 24 हजार क्यूसेक कावेरी जल छोड़ने की तमिलनाडु की याचिका पर आदेश देने से इन्कार

पीठ ने यह भी कहा, हमें लगता है कि यह उचित होगा कि सीडब्ल्यूएमए इस पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करे ...

कर्नाटक सरकार ने तमिलनाडु की याचिका को 'पूरी तरह से गलत' बताया

नई दिल्ली/भाषा। उच्चतम न्यायालय ने खड़ी फसलों के लिए कर्नाटक से प्रतिदिन 24,000 क्यूसेक कावेरी जल छोड़े जाने का आग्रह करने वाली तमिलनाडु सरकार की याचिका पर कोई आदेश देने से शुक्रवार को इन्कार कर दिया।

न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति पीके मिश्रा की पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी द्वारा यह सूचित किए जाने के बाद कि प्राधिकरण की एक बैठक सोमवार को निर्धारित है, कर्नाटक द्वारा छोड़े गए पानी की मात्रा पर कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूएमए) से रिपोर्ट मांगी।

पीठ ने यह भी कहा, हमें लगता है कि यह उचित होगा कि सीडब्ल्यूएमए इस पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करे कि पानी छोड़े जाने के लिए जारी निर्देशों का पालन किया गया है या नहीं।

कर्नाटक सरकार ने तमिलनाडु की याचिका को 'पूरी तरह से गलत' बताया है, जिसमें शीर्ष अदालत से यह निर्देश देने का आग्रह किया गया है कि उसे खड़ी फसलों के लिए प्रतिदिन कावेरी नदी का 24,000 क्यूसेक जल छोड़ने के लिए कहा जाए।

कर्नाटक सरकार ने शीर्ष अदालत में दायर एक हलफनामे में कहा है कि तमिलनाडु की याचिका इस गलत धारणा पर आधारित है कि 'वर्तमान जल वर्ष एक सामान्य जल वर्ष है, न कि संकटग्रस्त जल वर्ष।'

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