न्यूयॉर्क/दक्षिण भारत। अमेरिका में एच1-बी वीजा पर काम करने वाले एक पाकिस्तानी डॉक्टर को आतंकवादी संगठन आईएसआईएस की मदद करने और 'लोन वुल्फ' आतंकवादी हमले करने की कोशिश के अपराध में 18 साल जेल की सजा सुनाई गई है।
न्याय विभाग के एक बयान के अनुसार, आईएसआईएस को सामग्री सहायता प्रदान करने के प्रयास के लिए 31 वर्षीय मुहम्मद मसूद को शुक्रवार को 18 साल की जेल की सजा सुनाई गई और उसके बाद पांच साल की निगरानी में रिहाई की सजा सुनाई गई।
उसने पिछले साल अगस्त में अपना दोष स्वीकार किया और वरिष्ठ न्यायाधीश पॉल ए मैग्नसन के समक्ष उसे सजा सुनाई गई।
अदालती दस्तावेजों के अनुसार, मसूद पाकिस्तान में एक लाइसेंस प्राप्त मेडिकल डॉक्टर था और पहले एच-1बी वीजा के तहत रोचेस्टर, मिनेसोटा में मेडिकल क्लिनिक में अनुसंधान समन्वयक के रूप में कार्यरत था।
जनवरी 2020 और मार्च 2020 के बीच, मसूद ने एक आतंकवादी संगठन में शामिल होने के लिए विदेश यात्रा की सुविधा के लिए एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप्लिकेशन का उपयोग किया।
मसूद ने इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड अल-शाम (आईएसआईएस) में शामिल होने की अपनी इच्छा के बारे में कई बयान दिए और उसने आतंकवादी संगठन और उसके नेता के प्रति अपनी निष्ठा जताई थी।
मसूद ने अमेरिका में लोन वुल्फ आतंकवादी हमले करने की भी इच्छा व्यक्त की थी। फरवरी 2020 में, मसूद ने शिकागो, इलिनोइस से अम्मान, जॉर्डन के लिए एक हवाई टिकट खरीदा और वहां से सीरिया की यात्रा करने की योजना बनाई थी।
उसी साल मार्च में, मसूद की यात्रा योजनाएं बदल गईं, क्योंकि जॉर्डन ने कोरोना वायरस महामारी के कारण आगामी यात्रा के लिए अपनी सीमाएं बंद कर दी थीं। इसके बाद मसूद एक व्यक्ति से मिलने के लिए मिनियापोलिस से लॉस एंजिल्स के लिए उड़ान भरने के लिए सहमत हो गया। उसे विश्वास था कि वह उसे आईएसआईएस क्षेत्र में पहुंचाने के लिए मालवाहक जहाज के माध्यम से यात्रा में सहायता देगा।
उसने लॉस एंजिल्स, कैलिफोर्निया जाने वाली उड़ान में सवार होने के लिए रोचेस्टर से मिनियापोलिस-सेंट पॉल अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे (एमएसपी) की यात्रा की। एमएसपी पहुंचने पर मसूद ने अपनी उड़ान के लिए चेक इन किया और बाद में उसे एफबीआई के संयुक्त आतंकवाद कार्यबल द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया।