पेशावर/दक्षिण भारत। पाकिस्तान में खैबर पख्तूनख्वा के चित्राल जिले में मुठभेड़ के दौरान इस पड़ोसी देश के चार जवानों की मौत हो गई। वहीं, 12 आतंकवादी मारे गए। उसकी फौज की मीडिया विंग ने इसकी पुष्टि की है।
इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि नवीनतम हथियारों से लैस आतंकवादियों के एक बड़े समूह ने चित्राल जिले के कलश के सामान्य क्षेत्र में अफगानिस्तान सीमा के करीब स्थित दो सैन्य चौकियों पर हमला किया।
उसने कहा कि बढ़ते ख़तरे के माहौल के कारण पोस्टें पहले से ही हाई अलर्ट पर थीं। गोलीबारी के दौरान चार जवान ढेर हो गए।
आईएसपीआर ने यह भी कहा कि अंतरिम अफगान सरकार से अपने दायित्वों को पूरा करने और पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवादी कृत्यों को बढ़ावा देने के लिए आतंकवादियों द्वारा अफगान धरती के उपयोग से इन्कार करने की उम्मीद की गई थी।
इस बीच, लोअर चित्राल के डिप्टी कमिश्नर मोहम्मद अली ने बताया कि झड़प में सात जवान और 40 से अधिक आतंकवादी घायल हो गए। हमलावर सैकड़ों की संख्या में थे और हल्के व भारी हथियारों से लैस थे। करीब चार घंटे तक गोलीबारी जारी रही।
पुलिस अधिकारी करीम खान ने बताया कि सुरक्षा बलों ने चित्राल में प्रवेश को सील कर दिया है, जबकि एक अन्य अधिकारी ने कहा कि जिले को मजबूत करने के लिए सैनिकों और अर्धसैनिक बलों को भेजा गया है।
प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) समूह ने सैन्य चौकियों पर हमलों की जिम्मेदारी ली है।
इससे पहले, सोशल मीडिया पर रिपोर्टों से पता चला कि चित्राल जिले के गांव बुधवार सुबह कथित तौर पर टीटीपी के नियंत्रण में आ गए थे। हालांकि पाकिस्तान सरकार या आईएसपीआर द्वारा इसकी पुष्टि नहीं की गई थी।
इस बीच, उत्तरी वज़ीरिस्तान के पूर्व सांसद मोहसिन डावर ने रिपोर्टों को बहुत चिंताजनक बताया।
पिछले साल नवंबर में प्रतिबंधित टीटीपी द्वारा सरकार के साथ संघर्ष विराम समाप्त करने के बाद, पाकिस्तान में हाल के महीनों में, विशेष रूप से केपी और बलोचिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है।
फौज की मीडिया विंग ने पिछले सप्ताह कहा था कि 22 अगस्त को दक्षिण वज़ीरिस्तान जिले में गोलीबारी में छह जवान ढेर हो गए थे। पिछले महीने, बलोचिस्तान के झोब और सुई इलाकों में अलग-अलग सैन्य अभियानों में पाकिस्तानी फौज के 12 जवान ढेर हो गए।
इस वर्ष आतंकवादी हमलों में पाक फौज की ओर से एक दिन में मरने वालों की यह सबसे बड़ी संख्या थी। इससे पहले फरवरी 2022 में बलोचिस्तान के केच जिले में 'फायर रेड' में 10 जवानों की मौत हो गई थी।