बेंगलूरु/दक्षिण भारत। अपनी स्वर्ण जयंती के सालभर चलने वाले समारोह के हिस्से के रूप में अग्रणी बहुराष्ट्रीय दवा कंपनी माइक्रो लैब्स ने रेसकोर्स कार्यालय में कर्मचारी रक्तदान शिविर का आयोजन किया। इस आयोजन का उद्देश्य कंपनी की 50 वर्षों की उत्कृष्टता का जश्न मनाने के साथ समाज की भलाई में योगदान देना भी है।
रक्तदान शिविर में माइक्रो लैब्स के कर्मचारियों की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी गई, जो कंपनी की अपने व्यावसायिक परिचालन से परे सकारात्मक प्रभाव डालने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
माइक्रो लैब्स की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मंजुला सुरेश ने रक्तदान के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, 'भारत में हर दो सेकंड में एक व्यक्ति को रक्त की जरूरत होती है। एक चिंताजनक आंकड़ा बताता है कि भारत में हर चार में से एक मातृ मृत्यु अत्यधिक रक्त हानि के कारण होती है। देशभर के अस्पताल रक्त की आपूर्ति में कमी से जूझ रहे हैं। ऐसा हर दान जरूरतमंद लोगों के लिए जीवनरेखा बनने की क्षमता रखता है, खासकर गंभीर परिस्थितियों में।'
डॉ. मंजुला ने इस तरह की मानवीय पहल को बढ़ावा देने में कॉर्पोरेट संस्थाओं द्वारा निभाई जाने वाली महत्त्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।
माइक्रो लैब्स के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक दिलीप सुराणा ने कर्मचारियों पर गर्व व्यक्त किया, जिन्होंने रक्तदान अभियान में भाग लिया है। उन्होंने कहा, 'माइक्रो लैब्स हमेशा एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट के रूप में खड़ा रहा है, जो उस समाज को वापस देने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसने पिछले पांच दशकों में उसका समर्थन किया है। इस नेक काम में हमारे कर्मचारियों की सक्रिय भागीदारी हमारे मूल्यों और सकारात्मक प्रभाव डालने के प्रति हमारे समर्पण का उदाहरण है।'
सुराणा ने कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी पहल के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता को भी दोहराया, जो इसके व्यावसायिक संचालन से आगे तक फैली हुई है। कर्मचारियों ने मिलकर 100 यूनिट रक्त का योगदान दिया।