बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरामैया ने शुक्रवार को कहा कि वे लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा और जद (एस) के बीच चुनावी समझौते को लेकर चिंतित नहीं हैं और लोग कांग्रेस पार्टी का समर्थन करेंगे।
उनकी टिप्पणी वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येडियुरप्पा के यह कहने के बाद आई है कि भाजपा साल 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के नेतृत्व वाले जद (एस) के साथ समझौता करेगी।
मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए सिद्दरामैया ने कहा, 'चाहे गठबंधन होगा या वे अलग-अलग लड़ेंगे, मुझे इसकी परवाह नहीं है।'
जब मुख्यमंत्री से उनकी प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा, 'हम लोगों से वोट की अपील करेंगे। लोग हमारे साथ हैं। वे हमें वोट देंगे।'
इससे पहले, येडियुरप्पा, जो भाजपा संसदीय बोर्ड के सदस्य भी हैं, ने संवाददाताओं से कहा कि चुनावी तालमेल के तहत जद (एस) कर्नाटक में चार लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगा, जिसमें कुल 28 निर्वाचन क्षेत्र हैं।
'भाजपा और जद (एस) के बीच तालमेल बनेगा।' चार बार के मुख्यमंत्री ने कहा, अमित शाह (केंद्रीय गृह मंत्री) चार लोकसभा सीटें जद (एस) को देने पर सहमत हो गए हैं।
भाजपा ने कर्नाटक में साल 2019 के लोकसभा चुनावों में 25 सीटें जीतकर परचम लहराया था, जबकि उसके समर्थित निर्दलीय ने एक सीट पर जीत हासिल की थी। कांग्रेस और जद (एस) ने एक-एक सीट जीती थी।
जद (एस) ने साल 2019 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस के साथ गठबंधन में लड़ा था, क्योंकि दोनों पार्टियां तब देवेगौड़ा के बेटे एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार चला रही थीं।
उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने उक्त घटनाक्रम को नया नहीं बताया।
उन्होंने कहा, 'उन्हें ऐसा करने दें ... पहले भी उन्होंने ऐसा किया था, जब अशोकन्ना (भाजपा नेता आर अशोक) और कुमारन्ना (कुमारस्वामी) पिछली (भाजपा-जद एस गठबंधन) सरकार में एक साथ आए थे। कुछ भी ग़लत नहीं है, उन्हें अपने अस्तित्व के लिए कुछ भी करने दीजिए। लेकिन मेरा सवाल यह है कि उनकी (जद एस) विचारधारा कैसे काम करती है? उन्होंने कहा कि देवेगौड़ा ने पहले की स्थिति में भाजपा के साथ गठबंधन से इन्कार किया था।
भविष्य में जद (एस) के अस्तित्व पर सवाल उठाते हुए शिवकुमार, जो राज्य कांग्रेस प्रमुख भी हैं, ने कहा, यह उनके लिए छोड़ दिया गया है। उन्होंने एक विचारधारा के आधार पर एक पार्टी बनाई होगी ... मुझे नहीं पता कि उनकी पार्टी, उनके विधायकों, पूर्व विधायकों का क्या होगा। यह उनके लिए छोड़ दिया गया है।