बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने मंगलवार को कहा कि नदी बेसिन क्षेत्र में बारिश की कमी के कारण राज्य अब पड़ोसी तमिलनाडु को कावेरी नदी का पानी छोड़ने की स्थिति में नहीं है।
यह देखते हुए कि वर्तमान में कावेरी का पानी राज्य से तमिलनाडु की ओर नहीं जा रहा है, उन्होंने कहा कि कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूएमए) के कर्नाटक अधिकारी कम से कम पीने के लिए पानी बचाने की अपील करेंगे।
शिवकुमार, जो जल संसाधन मंत्री भी हैं, ने कहा, 'कावेरी मुद्दे पर हमारे अधिकारी अभी बैठक में हिस्सा ले रहे हैं। हमारे यहां बारिश नहीं हुई है, पानी नहीं है, हम उन्हें (सीडब्ल्यूएमए को) इस तथ्य से अवगत कराएंगे।'
उन्होंने कहा, 'हम उन्हें बताएंगे कि पानी नहीं है, पीने का पानी उपलब्ध कराना भी मुश्किल हो गया है। कृपया हमें कम से कम पीने के लिए पानी बचाने की अनुमति दें, प्राधिकरण के समक्ष हमारी यही दलील है।'
उन्होंने कहा, 'अभी पानी (तमिलनाडु) नहीं जा रहा है। बारिश नहीं हो रही है। आप सभी बारिश के लिए प्रार्थना करें।'
सीडब्ल्यूएमए ने पहले कावेरी जल विनियमन समिति (सीडब्ल्यूआरसी) की सिफारिश के आधार पर कर्नाटक को 29 अगस्त से 15 दिनों के लिए तमिलनाडु को प्रतिदिन 5,000 क्यूसेक पानी छोड़ने का निर्देश दिया था।
तमिलनाडु ने भी कर्नाटक को खड़ी फसलों के लिए कावेरी का पानी छोड़ने का निर्देश देने की याचिका के साथ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। सूत्रों के मुताबिक मामला अगले हफ्ते न्यायालय के सामने आ सकता है।
शिवकुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्दरामैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कावेरी नदी जल विवाद और राज्य से संबंधित अन्य मुद्दों पर उनके साथ चर्चा करने के लिए एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए अपॉइंटमेंट की मांग की है। 'जैसे ही हमें अपॉइंटमेंट मिलेगा, हम जाएंगे।'