नई दिल्ली/दक्षिण भारत। एक विशेष एनआईए अदालत ने बांग्लादेश से कर्नाटक के रास्ते भारत में भारी मात्रा में उच्च गुणवत्ता वाले नकली नोटों की तस्करी से जुड़े मामले में एक महिला को दोषी ठहराया है।
वनिता उर्फ 'थंगम' इस मामले में दोषी ठहराए जाने वाली छठी आरोपी है। उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 489बी के तहत छह साल की कैद, धारा 489सी के तहत पांच साल की कैद और धारा 120बी के तहत दो साल की कैद की सजा सुनाई गई है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शनिवार को कहा कि सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। अदालत ने वनिता पर 20,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया।
साल 2018 में एनआईए के साथ एक संयुक्त अभियान में कर्नाटक पुलिस ने 4.34 लाख रुपए मूल्य के नकली नोटों के साथ तीन अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद वनिता से 2.50 लाख रुपए की नकली मुद्रा जब्त की थी।
एजेंसी ने कहा कि शुरुआत में साल 2018 में एनआईए अधिकारी द्वारा दर्ज की गई शिकायत के आधार पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत कर्नाटक पुलिस द्वारा मामला दर्ज किया गया था।
इसके बाद, एनआईए ने मामले को फिर से दर्ज किया और गहन जांच और निगरानी की, जिससे मुख्य आरोपी अब्दुल खादिर के नेतृत्व वाले नकली मुद्रा रैकेट का पर्दाफाश हुआ।
एजेंसी के अनुसार, एनआईए की आगे की जांच में बेंगलूरु में तीन लोगों द्वारा नकली नोटों के संभावित लेनदेन का संकेत मिला था।
साल 2018 से 2022 के बीच एनआईए ने आठ लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया। इनमें से तीन मोहम्मद सज्जाद अली उर्फ 'चाचू', एमजी राजू उर्फ 'मास्टर' और अब्दुल कादिर को विशेष अदालत ने छह साल कैद की सजा सुनाई थी।
एनआईए ने कहा कि दो अन्य आरोपियों गंगाधर खोलकर और सबीरुद्दीन को भी बाद में दोषी ठहराया गया और विशेष अदालत ने छह साल कैद की सजा सुनाई।