अब भारत निर्विघ्न रूप से सारे संकल्प और सपने पूरे करेगा: मोदी

'जी20 में भारत हमेशा इस बात के लिए गर्व करेगा कि हम वैश्विक दक्षिण की आवाज बने'

'अब भारत की विकास यात्रा में कोई विघ्न नहीं रहेगा'

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। संसद के विशेष सत्र की शुरुआत के अवसर पर सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जी20 की अभूतपूर्व सफलता, 60 से अधिक स्थानों पर विश्वभर के नेताओं का स्वागत, मंथन और ट्रू स्पिरिट में संघीय ढांचे का एक जीवंत अनुभव भारत की विविधता, भारत की विशेषता के साथ जी20 अपने आप में एक त्योहार बन गया।

जी20 में भारत हमेशा इस बात के लिए गर्व करेगा कि हम वैश्विक दक्षिण की आवाज बने। अफ्रीकन यूनियन को स्थायी सदस्यता और सर्वसम्मति से जी20 का डिक्लेरेशन, ये सारी बातें भारत के उज्ज्वल भविष्य का संकेत दे रही हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि चंद्र मिशन की सफलता, चंद्रयान-3 हमारा तिरंगा फहरा रहा है। शिवशक्ति पॉइंट नई प्रेरणा का केंद्र बना है, हमें गर्व से भर रहा है। पूरे विश्व में इस प्रकार की उपलब्धि को आधुनिकता, विज्ञान और टेक्नोलॉजी से जोड़कर देखा जाता है और जब यह सामर्थ्य विश्व के सामने आती है, तो अनेक संभावना, अनेक अवसर हमारे दरवाजे पर आकर खड़े हो जाते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कल यशोभूमि राष्ट्र को समर्पित हुई। कल ही विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर विश्वकर्मा समुदाय को ट्रेनिंग, आधुनिक टूल, आर्थिक प्रबंधन के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना शुरू की गई। इस समय सारे देश में उमंग का माहौल और एक नया आत्मविश्वास हम सभी महसूस कर रहे हैं। उसी समय संसद का यह सत्र हो रहा है।

यह सत्र छोटा है, लेकिन समय के हिसाब से बहुत बड़ा है। ऐतिहासिक निर्णयों का यह सत्र है। इस सत्र की एक विशेषता यह है कि 75 साल की यात्रा अब नए मुकाम से शुरू हो रही है। नए स्थान पर उस यात्रा को आगे बढ़ाते समय, नए संकल्प, नई ऊर्जा और नए विश्वास से काम करना है। साल 2047 तक देश को विकसित बनाना है। इसके लिए जितने भी निर्णय होने वाले हैं, वे सभी इस नए संसद भवन में होंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं सभी आदरणीय सांसदों से आग्रह करता हूं कि छोटा सत्र है, वे यहां उमंग और उत्साह के साथ अपना ज्यादा से ज्यादा समय यहां दें। कल गणेश चतुर्थी का पावन पर्व है। गणेशजी विघ्नहर्ता माने जाते हैं। अब भारत की विकास यात्रा में कोई विघ्न नहीं रहेगा, अब निर्विघ्न रूप से सारे संकल्प और सपने भारत परिपूर्ण करेगा। इसलिए गणेश चतुर्थी के दिन यह नव प्रस्थान नए भारत के सारे सपनों को चरितार्थ करने वाला बनेगा।

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