उत्कृष्ट उपलब्धियों, कठिन चुनौतियों से भरी है भारत की संसदीय यात्रा

नए भवन को अब ‘भारत के संसद भवन’ के रूप में जाना जाएगा

केंद्रीय कक्ष ब्रिटेन से भारत को सत्ता के हस्तांतरण का गवाह रहा है

नई दिल्ली/भाषा। लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य मंगलवार को भारत की संसद की समृद्ध विरासत का जश्न मनाने के वास्ते आयोजित एक समारोह के लिए पुराने संसद भवन के ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में एकत्र हुए।

इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि यह समारोह सोमवार को पुराने भवन में दोनों सदनों की अंतिम बैठक की याद में भी आयोजित किया जा रहा है।

नए भवन को अब ‘भारत के संसद भवन’ के रूप में जाना जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय कक्ष ब्रिटेन से भारत को सत्ता के हस्तांतरण का गवाह रहा है।

जोशी ने यह भी कहा कि भारत की संसदीय यात्रा उत्कृष्ट उपलब्धियों, कठिन चुनौतियों और उल्लेखनीय मील के पत्थरों से भरी रही है।

समारोह में उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ मंच पर बैठे थे।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी भी मंच के दोनों कोनों पर बैठे थे।

जोशी और राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल भी मंच पर बैठे थे।

इससे पहले, जब सांसद केंद्रीय कक्ष में इकट्ठा हुए तो प्रधानमंत्री मोदी हाथ जोड़कर सभी सदस्यों का अभिवादन करते नजर आए।

यह समारोह भारत की संसद की समृद्ध विरासत का जश्न मनाने और वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प के लिए आयोजित किया गया है।

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