इसरो के वैज्ञानिकों, कर्मचारियों को 'वेतन न मिलने' के आरोपों पर रिजिजू ने दिया यह जवाब

रिजिजू ने हस्तक्षेप करते हुए इन आरोपों को निराधार करार दिया

रिजिजू ने टीएमसी की सदस्य डॉ. काकोली घोष दस्तीदार के आरोपों पर जवाब देते हुए कहा ...

नई दिल्ली/भाषा। पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की मौजूदा एवं पूर्व महिला वैज्ञानिकों एवं कर्मचारियों के वेतन/मानदेय न दिए जाने के तृणमूल कांग्रेस की एक सदस्य के आरोपों को बुधवार को अनुचित और निराधार करार दिया।

रिजिजू ने ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ पर लोकसभा में चर्चा के दौरान टीएमसी की सदस्य डॉ. काकोली घोष दस्तीदार के आरोपों पर जवाब देते हुए कहा, ‘संसद में सदस्यों द्वारा बोला गया एक-एक बयान रिकॉर्ड का हिस्सा होता है। ऐसे में टीएमसी की सदस्य को अनुचित और निराधार बातें करके सदन को गुमराह नहीं करना चाहिए था।’

दस्तीदार ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और विभिन्न भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में महिला वैज्ञानिकों, कर्मचारियों, प्राध्यापकों को वेतन/मानदेय का भुगतान समय पर नहीं किए जाने का सरकार पर आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि आईआईटी, खड़गपुर में भी महिला प्राध्यापकों और महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) की महिला ‘जॉबकार्ड’ धारकों को भी भुगतान नहीं किया जा रहा।

उनकी इस बात पर सदन में सत्ता पक्ष के सदस्यों ने विरोध जताया।

रिजिजू ने हस्तक्षेप करते हुए इन आरोपों को निराधार करार दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि इसरो के वैज्ञानिकों और सभी कर्मचारियों को समय पर वेतन/मानदेय मिल रहे हैं तथा पूर्व कर्मचारियों को पेंशन भी दी जा रही है।

मंत्री ने कहा, ‘इसरो के वैज्ञानिकों ने तो यहां तक कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उन्हें सबसे अधिक सहयोग और समर्थन मिला है।’ उन्होंने कहा कि टीएमसी सदस्य को इस तरह सदन को गुमराह नहीं करना चाहिए।

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