वाराणसी/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को संसद सांस्कृतिक महोत्सव में भाग लिया और अटल आवासीय विद्यालयों का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि बाबा के आशीर्वाद से काशी का सम्मान आज नई ऊंचाइयों को छू रहा है। जी20 शिखर सम्मेलन के जरिए भारत ने पूरी दुनिया में अपना झंडा गाड़ा है, लेकिन उसमें काशी की चर्चा विशेष है। काशी की सेवा, स्वाद, संस्कृति और काशी का संगीत, जी20 का हर मेहमान इसे अपनी यादों में समेट कर साथ लेकर गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जी20 की अद्भुत सफलता महादेव के आशीर्वाद से ही संभव हुई है। बाबा की कृपा से काशी अब विकास के ऐसे आयाम गढ़ रही है, जो अभूतपूर्व है। आज ही मैंने बनारस के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का शिलान्यास किया है। आज मुझे यहां उत्तर प्रदेश के 16 अटल आवासीय विद्यालयों के लोकार्पण का भी अवसर मिला है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 2014 में जब मैं यहां आया था, तो मैंने जिस काशी की कल्पना की थी, विकास और विरासत का वो सपना अब धीरे-धीरे साकार हो रहा है। मुझे विश्वास है कि बनारस के लोगों के प्रयास से आने वाले वर्षों में यह सांस्कृतिक महोत्सव अपने आप में काशी की एक अलग पहचान बनने वाला है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी और संस्कृति, एक ही ऊर्जा के दो नाम हैं। काशी को तो देश की सांस्कृतिक राजधानी होने का गौरव प्राप्त है, यहां की गली_गली में गीत गूंजते हैं। यह स्वाभाविक भी है, क्योंकि यह नटराज की अपनी नगरी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सारी नृत्य कलाएं नटराज के तांडव से ही प्रकट हुई हैं। सारे स्वर महादेव के डमरू से उत्पन्न हुए हैं। सारी विद्याओं ने बाबा के विचारों से जन्म लिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज यहां काशी सांसद खेल प्रतियोगिता के पोर्टल को भी लॉन्च किया गया है। सांसद खेल प्रतियोगिता हो, सांस्कृतिक महोत्सव हो, ये तो काशी में नई परंपराओं की शुरुआत है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब यहां काशी सांसद ज्ञान प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा। कोशिश यही है कि काशी के इतिहास, समृद्ध विरासत, यहां के त्योहार, यहां के खानपान के प्रति जागरूकता और बढ़े।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बनारस सदियों से शिक्षा का भी बड़ा केंद्र रहा है। बनारस की शैक्षणिक सफलता का सबसे बड़ा आधार है- इसका सर्वसमावेशी स्वभाव! देश-दुनिया के कोने-कोने से लोग आकर यहां पढ़ाई करते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज इसी भावना को केंद्र में रखकर हमने यहां से अटल आवासीय विद्यालयों का शुभारंभ किया है। आज जिन विद्यालयों का लोकार्पण हुआ है, उन पर करीब 1,100 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये इतने भव्य स्कूल हमारे यहां मजदूरी करने वाले लोगों और समाज के सबसे कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए हैं। यहां उनको अच्छे संस्कार मिलेंगे, अच्छी और आधुनिक शिक्षा मिलेगी। जिनकी कोरोना में मृत्यु हो गई, उनके बच्चों को भी इन आवासीय विद्यालयों में निःशुल्क पढ़ाया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए हमने शिक्षा व्यवस्था की पुरानी सोच को भी बदला है। अब हमारे विद्यालय आधुनिक बन रहे हैं। क्लासेज स्मार्ट हो रही हैं। भारत सरकार ने देश के हजारों स्कूलों को आधुनिक बनाने के लिए पीएम श्री अभियान भी शुरू किया है।