बेंगलूरु/दक्षिण भारत। 'बेंगलूरु बंद' के आह्वान के मद्देनजर उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार, जो जल संसाधन मंत्री भी हैं, ने यह कहते हुए कि सरकार राज्य के हित में सबकुछ करेगी, क्योंकि भूमि, पानी और भाषा की रक्षा करना प्राथमिकता है, इस बात पर जोर दिया कि हम विरोध प्रदर्शन को नियंत्रित करने की कोशिश नहीं करेंगे, लेकिन शांति बनाए रखनी होगी और लोगों को कोई भी कठिनाई नहीं होनी चाहिए।
यहां मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, लोकतंत्र में विरोध करना हर किसी का अधिकार है और इसे रोका नहीं जाएगा।
उन्होंने कहा, 'हमारी पार्टी के लोगों ने भी फोन करके मुझसे विरोध प्रदर्शन के बारे में बात की। मैंने कहा, यह आपका अधिकार है और इसकी रक्षा करें ... लेकिन विरोध या बंद का आह्वान करने से पहले न्यायालय के आदेशों के बारे में समझना होगा। सिर्फ मीडिया प्रचार के लिए इस तरह का आह्वान करना ठीक नहीं है, क्योंकि इसके कानूनी परिणाम हो सकते हैं। सबकुछ ध्यान में रखते हुए उन्हें निर्णय लेने दीजिए।'
पानी छोड़ना मुश्किल होगा!
चूंकि पिछले कुछ दिनों में कुछ क्षेत्रों में हल्की बारिश के कारण जल बहाव थोड़ा बेहतर हुआ है, शिवकुमार ने कहा, 'सरकार ने क्लाउड सीडिंग की संभावना पर भी चर्चा की है और इस पर दो-तीन तरह की राय सामने आई है। ... लेकिन आने वाले दिनों में पानी छोड़ना मुश्किल होगा।'
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने 21 सितंबर को कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूएमए) के आदेश में हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया, जिसने कर्नाटक सरकार को 13 सितंबर से 15 दिनों तक तमिलनाडु के लिए 5,000 क्यूसेक पानी छोड़ने के कावेरी जल विनियमन समिति (सीडब्ल्यूआरसी) के निर्देशों का समर्थन किया था। इसके बाद कई संगठनों ने 26 सितंबर को 'बेंगलूरु बंद' रखने का आह्वान किया।