इंदौर/भाषा। देश के शहरों पर आबादी के बोझ में लगातार इजाफे का हवाला देते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को कहा कि इस दबाव को कम करने के लिए गांवों में शहरों की तर्ज पर उत्कृष्ट बुनियादी सुविधाएं पहुंचाई जानी चाहिए।
मुर्मू ने इंदौर में 'इंडिया स्मार्ट सिटीज कॉन्क्लेव 2023' में कहा, मैं देशवासियों के हित में सुझाव देना चाहूंगी कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी शहरों की तरह स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्रों में उत्कृष्ट बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए। ऐसा करने से शहरों पर दबाव कम होगा और ग्रामीण जनता का जीवन बेहतर होगा।
राष्ट्रपति ने बताया कि वर्ष 2047 तक भारत की शहरी आबादी 40 करोड़ के मौजूदा स्तर से बढ़कर 87 करोड़ से अधिक होने का अनुमान जताया गया है यानी करीब ढाई दशक बाद 50 प्रतिशत से अधिक देशवासी शहरी क्षेत्रों में रहेंगे।
उन्होंने कहा कि ये आंकड़े इशारा करते हैं कि शहरों और नगरवासियों की बढ़ती आकांक्षाओं और जरूरतों के मद्देनजर भविष्य का रोडमैप तैयार करके आगे बढ़ने की जरूरत है।
राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि नगर नियोजन में जलवायु परिवर्तन, हरित ईंधनों के इस्तेमाल और सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने के क्षेत्रों में अपेक्षाकृत व्यापक स्तर पर काम किए जाने की आवश्यकता है।
उन्होंने शहरी विकास में तेजी से बढ़ते भारतीय निवेश का हवाला देते हुए कहा कि उत्कृष्ट कार्यों को लागू करने और व्यावहारिक कारोबारी मॉडल विकसित करने में स्मार्ट सिटी परियोजना का बेहद महत्वपूर्ण योगदान है।
राष्ट्रपति ने कहा कि जी20 के उप समूह अर्बन 20 ने शहरों के बीच जुड़ाव की स्थायी व्यवस्था स्थापित करने का प्रयास किया और इसके माध्यम से सामूहिक संदेश दिया गया है कि सतत विकास की प्राथमिकता को आगे बढ़ाने में शहरी प्रबंधन की महत्वपूर्ण भूमिका है।
उन्होंने कहा, हमें विश्व के सबसे बेहतर प्रबंधन वाले शहरों के उत्कृष्ट कार्यों और कारोबारी मॉडलों से सीख लेनी चाहिए और अपने सफल प्रयासों को अन्य देशों के साथ साझा भी करना चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि शहरी क्षेत्रों की निगरानी के लिए लगे सीसीटीवी कैमरे कानून-व्यवस्था को मजबूत बनाने में मदद कर रहे हैं, लेकिन खासकर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए और प्रभावी कदम उठाए जाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि शहरों में डेंगू और मलेरिया के हर साल सामने आने वाले प्रकोप से निपटने के लिए जन भागीदारी बढ़ाने और संबंधित विभागों के समन्वित प्रयासों की आवश्यकता है।
अपने संबोधन से पहले, मुर्मू ने इंडिया स्मार्ट सिटीज अवॉर्ड्स कांटेस्ट 2022 के तहत इंदौर को देश के 100 स्मार्ट शहरों में सर्वश्रेष्ठ चुने जाने के आधार पर राष्ट्रीय स्मार्ट सिटी पुरस्कार से नवाजा। इस श्रेणी में सूरत और आगरा क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।
मध्यप्रदेश को सर्वश्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार प्रदान किया गया, जबकि तमिलनाडु दूसरे पायदान पर रहा। राजस्थान और उत्तर प्रदेश संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर रहे।
समारोह में अलग-अलग श्रेणियों में 66 विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। इनमें 31 विशिष्ट शहर, एक केंद्र शासित प्रदेश, चार राज्य और सात भागीदार संगठन शामिल हैं।
कार्यक्रम में केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी, मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद थे।