जद (एस) के भाजपा से गठबंधन पर क्या बोले मुख्यमंत्री सिद्दरामैया?

सिद्दरामैया ने चामराजनगर जिले के कोनानकेरे में संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा ...

'उन्होंने अब चुनाव के लिए भाजपा के साथ गठबंधन कर लिया है, हम उन्हें क्या कहें?’

चामराजनगर/भाषा। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरामैया ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के नेतृत्व वाले जद (एस) पर कटाक्ष करते हुए कहा कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन करने के बाद उसे खुद को धर्मनिरपेक्ष पार्टी नहीं कहना चाहिए।

जद (एस) ने गत शुक्रवार को, नई दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ अपने नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी की बैठक के बाद भाजपा के साथ गठबंधन करने का फैसला किया। कुमारस्वामी पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा के बेटे हैं।

सिद्दरामैया ने चामराजनगर जिले के कोनानकेरे में संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा, ‘उन्होंने अब चुनाव के लिए भाजपा के साथ गठबंधन कर लिया है, हम उन्हें क्या कहें?’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘नाम कहता है धर्मनिरपेक्ष ... जनता दल (धर्म निरपेक्ष)। क्या वे अब धर्म निरपेक्ष हैं? क्या हमें उनकी बात मान लेनी चाहिए? एक सांप्रदायिक पार्टी के साथ जाने के बाद भी क्या वे धर्मनिरपेक्ष हैं? क्या हमें स्वीकार करना चाहिए? वे भाजपा या किसी के साथ जाएं, हमें कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन उन्हें यह नहीं कहना चाहिए कि वे धर्मनिरपेक्ष हैं। उन्हें यह नहीं कहना चाहिए कि जनता दल एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी है।'

जद (एस) ने इससे पहले जनवरी 2006 से 20 महीने के लिए और मई 2018 से 14 महीने के लिए क्रमशः भाजपा और कांग्रेस के साथ गठबंधन में सरकार बनाई थी, जिसमें कुमारस्वामी मुख्यमंत्री थे।

इस बीच कांग्रेस के नेताओं ने आरोप लगाया कि देवेगौड़ा ने भाजपा के साथ गठबंधन करके जद (एस) को भाजपा की 'बी-टीम' साबित कर दिया है। इस पर कुमारस्वामी ने कहा कि अगर वह कांग्रेस के साथ जाने के बजाय शाह के बुलाने पर भाजपा के साथ गए होते तो साल 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद वे पूरे पांच साल तक सरकार चला सकते थे।

कांग्रेस पर देशभर में धर्मनिरपेक्ष ताकतों को 'नष्ट' करने का आरोप लगाते हुए कुमारस्वामी ने दावा किया कि उन्होंने पार्टी के साथ गठबंधन करने के बाद जद (एस) को भी 'खत्म' करने की कोशिश की।

कुमारस्वामी ने आरोप लगाया कि जद (एस) ने सिद्दरामैया को पार्टी से बाहर नहीं निकाला था और साल 2004 में सिद्दरामैया ने तालमेल और सरकार बनाने के लिए चेन्नई में तत्कालीन भाजपा नेता एम वेंकैया नायडू से मिलने की कोशिश की थी।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सिद्दरामैया ने कहा, ‘मैं वेंकैया नायडू से नहीं मिला। यह सच है कि मैं (लालकृष्ण) आडवाणी से मिला था। आडवाणी (पहले) जनता पार्टी में थे, इसी वजह से मैं उन्हें जानता हूं और मैं उनसे मिला था।’

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