शिखर धवन और उनकी पत्नी आयशा मुखर्जी का तलाक हुआ

दिल्ली की एक अदालत ने तलाक के फैसले पर मुहर लगाई

पत्नी ने या तो आरोपों का विरोध नहीं किया या खुद का बचाव करने में विफल रहीं

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। क्रिकेटर शिखर धवन और उनकी पत्नी आयशा मुखर्जी का तलाक हो गया है। दिल्ली की एक पारिवारिक अदालत ने इसे यह कहते हुए मंजूरी दी कि पत्नी ने धवन को मानसिक क्रूरता का शिकार बनाया।

न्यायालय ने धवन की तलाक याचिका में लगाए गए सभी आरोपों को इस आधार पर स्वीकार किया कि पत्नी ने या तो इन आरोपों का विरोध नहीं किया या खुद का बचाव करने में विफल रहीं।

न्यायालय ने यह भी माना कि आयशा मुखर्जी ने शिखर धवन को उनके इकलौते बेटे से सालों तक अलग रहने के लिए मजबूर करके मानसिक तौर पर पीड़ा दी।

न्यायालय ने दंपति के बेटे की स्थायी हिरासत पर कोई भी आदेश पारित करने से इन्कार करते हुए धवन को भारत और ऑस्ट्रेलिया में उचित अवधि के लिए बेटे से मिलने और उसके साथ वीडियो कॉल पर बातचीत करने का अधिकार दे दिया है।

अदालत ने आयशा को यह भी आदेश दिया कि वे शैक्षणिक कैलेंडर के दौरान स्कूल की छुट्टियों की कम से कम आधी अवधि के लिए बच्चे को भारत लाएंगी और धवन तथा उनके परिजन के साथ रातभर रहने सहित मुलाक़ात कराएंगी।

धवन ने अपनी याचिका में बताया कि आयशा मुखर्जी ने प्रारंभ में कहा था कि वे उनके साथ भारत में रहेंगी। उन्होंने अपने पूर्व पति के प्रति प्रतिबद्धता को लेकर ऐसा नहीं किया। उससे उन्हें दो बेटियां भी हैं। आयशा ने पूर्व पति से वादा किया था कि वे ऑस्ट्रेलिया नहीं छोड़ेंगी। वे वहां अपनी दो बेटियों और धवन के बेटे के साथ निवास करती हैं।

न्यायालय ने फैसले में कहा कि सिद्ध हो गया है कि पत्नी शादी के बाद भारत में वैवाहिक घर स्थापित करने के अपने आश्वासन से पीछे हट गई। 

न्यायालय ने माना कि धवन को वर्षों तक अपने बेटे से अलग रहने की भारी पीड़ा झेलनी पड़ी। उसने आयशा मुखर्जी के दावे को खारिज करते हुए यह भी कहा ​कि पत्नी ने धवन को लेकर कई लोगों को मानहानिकारक संदेश भेजे थे।

न्यायालय ने इस आरोप को स्वीकारा कि आयशा ने अपने पिता को अस्पताल ले जाने के लिए समय निकालने की बात पर धवन से झगड़ा किया, जब उन्हें कोरोना संक्रमण हो गया था। धवन ने स्कूल फीस का अधिक भुगतान किया था।

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