हुब्बली/दक्षिण भारत। दक्षिण पश्चिम रेलवे और जेएसडब्ल्यू मिनरल्स रेल लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड के बीच मंगलवार को 7 रेक के संचालन के लिए समझौता किया गया है। यह दपरे में पहली तरह का समझौता है। रेक का निर्माण मैसर्स टीटागढ़ रेल सिस्टम लिमिटेड, कोलकाता द्वारा किया गया है और पहली रेक अप्रैल 2024 से चालू होने की उम्मीद है। जेएसडब्ल्यू मिनरल्स रेल लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लि. प्रति रेक 29.57 करोड़ रुपए का निवेश कर रही है।
दी गई जानकारी के अनुसार, दपरे और जेएसडब्ल्यू मिनरल्स रेल लॉजिस्टिक्स प्रा.लि. ने लौह अयस्क को लोड और अनलोड करने के लिए 7 विशेष हॉपर वैगनों के संचालन के लिए सामान्य प्रयोजन वैगन निवेश योजना के तहत यह समझौता किया है।
भारतीय रेलवे की यह योजना माल ढुलाई ग्राहक को वैगनों को पट्टे पर देने में निवेश करने में सक्षम बनाती है, और माल ढुलाई पर छूट देती है, जिससे रेल द्वारा थोक माल के परिवहन को प्रोत्साहन मिलता है।
वैगनों की तैयार उपलब्धता, कम माल ढुलाई लागत से ग्राहक को लाभ होता है। लंबी अवधि में, सड़क से रेल तक मॉडल बदलाव को सक्षम करके, जीपीडब्ल्यूआईएस जैसी नीतियों में देश में 'कोर सेक्टर' उद्योगों के लिए आपूर्ति शृंखला को मजबूत करने और परिवहन लागत में कमी लाने की क्षमता है।
हर बुकिंग पर ग्राहक को बेस फ्रेट पर 10 प्रतिशत की छूट है। बीओबीएसएनएस (हॉपर वैगन) की शुरुआत से वैगन टिपलर या मैन्युअल रूप से अनलोडिंग की कठिनाई कम हो जाएगी।
समझौते पर मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधक/फ्रेट मार्केटिंग, दपरे ए सुंदर और कार्यकारी उपाध्यक्ष (योजना और लॉजिस्टिक्स)/जेएसडब्ल्यू सुशील नोवाल ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर प्रधान मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधक/दपरे सत्य प्रकाश शास्त्री, उप मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधक/माल ढुलाई सेवा/दपरे अरविंदा हर्ले और महाप्रबंधक, लॉजिस्टिक्स/जेएसडब्ल्यू मनमोहन शेट्टी मौजूद थे।
दपरे के महाप्रबंधक संजीव किशोर ने कहा है कि (दपरे) अपने ग्राहकों को पूर्ण सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है और उम्मीद जताई कि यह समझौता अधिक दक्षता के साथ उच्च मात्रा में लौह अयस्क परिवहन को सक्षम करेगा।