सियोल/एपी। इजराइल पर सात अक्टूबर के हमले में हमास के लड़ाकों ने संभवत: उत्तर कोरिया के हथियारों का इस्तेमाल किया था। इजराइल द्वारा जुटाए गए आतंकवादियों के वीडियो और जब्त हथियारों से यह संकेत मिलता है। हालांकि उत्तर कोरिया ने आतंकवादी संगठन को हथियार बेचने के आरोपों से इनकार किया है।
उत्तर कोरियाई हथियारों पर वीडियो का दो विशेषज्ञों ने विश्लेषण किया। ‘एसोसिएटेड प्रेस’ (एपी) द्वारा हथियारों के वीडियो के विश्लेषण और दक्षिण कोरियाई सेना की सूचना के आधार पर इस बात के संकेत मिलते हैं कि हमास ने एफ-7 रॉकेट चालित ग्रेनेड का इस्तेमाल किया था। इस हथियार का इस्तेमाल बख्तरबंद वाहनों के खिलाफ किया जाता है।
यह साक्ष्य अवैध हथियारों के लेन देन पर प्रकाश डालता है, जिसका उपयोग प्रतिबंधों से जूझ रहा उत्तर कोरिया अपने हथियार कार्यक्रमों को वित्तपोषित करने के तरीके के रूप में करता है।
परामर्श कंपनी ‘आर्ममंट रिसर्च सर्विसेस’ निदेशक एवं हथियार विशेषज्ञ एनआर जेनजेन-जोंस ने कहा कि एफ-7 की सीरिया, इराक, लेबनान और गाजा पट्टी में मौजूदगी देखी गई है।
जेनजेन-जोंस ने एपी को बताया, ‘उत्तर कोरिया लंबे समय से फलस्तीनी आतंकवादी संगठनों का समर्थन करता रहा है और आपूर्ति पर प्रतिबंध के बीच पहले भी उत्तर कोरियाई हथियारों की मौजूदगी देखी गई है।’
‘स्मॉल आर्म्स सर्वे’ के वरिष्ठ शोधकर्ता मैट श्रोएडर ने कहा कि हमास ने अपने प्रशिक्षण की तस्वीरें जारी की हैं जिसमें उसके लड़ाके रॉकेट चालित ग्रेनेड और अन्य एफ-7 से मिलते जुलते हथियार को चलाते नजर आ रहे हैं।
श्रोएडर ने कहा, ‘हमास के पास उत्तर कोरियाई हथियारों का होना कोई आश्चर्य की बात नहीं है।’
दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा कि उत्तर कोरियाई हथियारों में से एक की, विशेष रूप से एफ-7 की पहचान हुई है और समझा जाता है कि हमास ने हमले में इन्हीं हथियारों का इस्तेमाल किया।
हालांकि इजराइल की सेना ने रॉकेट चालित ग्रेनेड के निर्माता और इसके स्रोत के बारे में सवालों के जवाब देने से इन्कार कर दिया। इजराइली सेना ने कहा कि हमास के जारी संघर्ष के कारण वह कोई जवाब नहीं दे सकती।
संयुक्त राष्ट्र में उत्तर कोरिया के मिशन ने इस पर टिप्पणी के अनुरोध का तत्काल कोई जवाब नहीं दिया। हालांकि उत्तर कोरिया ने पिछले हफ्ते अपने सरकारी ‘केसीएनए’ समाचार एजेंसी के हवाले से उन दावों को खारिज किया कि हमास ने उसके हथियारों का इस्तेमाल किया और इसे अमेरिका का दुष्प्रचार बताया।