कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सीबीआई की एफआईआर को चुनौती देने वाली शिवकुमार की याचिका खारिज की
न्यायमूर्ति के नटराजन, जिन्होंने पहले सुनवाई पूरी की और फैसला सुरक्षित रखा था, ने फैसला सुनाया
उच्च न्यायालय ने सीबीआई को तीन महीने के भीतर जांच पूरी कर रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने गुरुवार को उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें आय से अधिक संपत्ति के मामले में उनके खिलाफ सीबीआई की एफआईआर को चुनौती दी गई थी।
न्यायमूर्ति के नटराजन, जिन्होंने पहले सुनवाई पूरी की और फैसला सुरक्षित रखा था, ने गुरुवार को फैसला सुनाया।उच्च न्यायालय ने सीबीआई को तीन महीने के भीतर जांच पूरी कर रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया। न्यायमूर्ति नटराजन ने तर्क दिया कि चूंकि सीबीआई ने अधिकांश जांच पूरी कर ली है, इसलिए अदालत इस समय इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगी।
बता दें कि सीबीआई आरोपियों के बयान दर्ज करने का काम पूरा करने के बाद आरोप पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया में है।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि शिवकुमार ने साल 2013 और 2018 के बीच अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की। वे इस अवधि में पिछली कांग्रेस सरकार में मंत्री थे।
सीबीआई ने इस मामले में तीन सितंबर, 2020 को प्राथमिकी दर्ज की थी। शिवकुमार ने साल 2021 में एफआईआर को उच्च न्यायालय में चुनौती दी। आयकर विभाग ने साल 2017 में शिवकुमार के कार्यालयों और आवास पर तलाशी और जब्ती अभियान चलाया था, जिसके आधार पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनके खिलाफ अपनी जांच शुरू की थी।
ईडी की जांच के आधार पर सीबीआई ने शिवकुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए राज्य सरकार से मंजूरी मांगी थी।
राज्य सरकार द्वारा 25 सितंबर, 2019 को मंजूरी दी गई थी और एक साल बाद प्राथमिकी दर्ज की गई थी। शिवकुमार ने एक अलग याचिका में राज्य द्वारा दी गई मंजूरी को चुनौती दी थी, जिसे पहले उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था।