संयुक्त राष्ट्र/भाषा। भारत ने कहा है कि वह इजराइल-गाजा स्थिति पर सुरक्षा परिषद में संपन्न बैठक के दौरान पाकिस्तान द्वारा कश्मीर का जिक्र किए जाने को कोई महत्त्व नहीं देगा और न ही इसका कोई जवाब देगा।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि आर रवींद्र ने यह बयान दिया। पश्चिम एशिया की स्थिति पर सुरक्षा परिषद की बैठक में संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के दूत मुनीर अकरम ने कश्मीर का जिक्र किया था।
रवींद्र ने कहा, एक प्रतिनिधि ने आदतन उन केंद्र शासित प्रदेशों का जिक्र किया, जो हमारे देश का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा हैं।
उन्होंने कहा, मैं इन टिप्पणियों को उतनी ही तवज्जो दूंगा, जितनी उन्हें दी जानी चाहिए और समय को ध्यान में रखते हुए इसका जवाब नहीं दूंगा।
इससे पहले, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा कि सभी तरह के आतंकवादी कृत्य गैर-कानूनी और अनुचित हैं, चाहे उन्हें लश्कर-ए-तैयबा ने मुंबई में लोगों को निशाना बनाकर अंजाम दिया हो या हमास ने किबुत्ज बेरी में लोगों को निशाना बनाया हो।
ब्लिंकन ने कहा, हमें अपनी रक्षा करने और ऐसी भयावहता की पुनरावृत्ति रोकने के किसी भी राष्ट्र के अधिकार की पुष्टि करनी चाहिए। इस परिषद का कोई भी सदस्य, इस संपूर्ण निकाय का कोई भी राष्ट्र अपने लोगों की हत्या बर्दाश्त नहीं कर सकता और न ही करेगा।
उन्होंने कहा, जैसा कि इस परिषद और संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बार-बार कहा है कि आतंकवाद के सभी कृत्य गैरकानूनी और अनुचित हैं। ये गैरकानूनी और अनुचित हैं, फिर चाहे नैरोबी में लोगों को निशाना बनाया गया हो या बाली में ... ये हमले इस्तांबुल में हुए हों या मुंबई में, न्यूयॉर्क में हुए हों या किबुत्ज बेरी में।
उन्होंने कहा, ये गैरकानूनी और अनुचित हैं, चाहे उन्हें आईएसआईएस ने अंजाम दिया हो या बोको हराम, अल शबाब, लश्कर-ए-तैयबा या हमास ने अंजाम दिया हो।
ऐसा प्रतीत होता है कि ब्लिंकन ने अपनी टिप्पणी में पाकिस्तान से आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने वाले संगठन लश्कर-ए-तैयबा द्वारा मुंबई में 26 नवंबर, 2008 में किए गए आतंकवादी हमलों का जिक्र किया।