बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक ने वर्ष 2018-19 और 2022-23 के बीच 7,59,936 करोड़ रुपए के नए निवेश परियोजना प्रस्तावों को आकर्षित किया है। उसने वर्ष 2022-23 में सबसे अधिक उछाल दर्ज किया, क्योंकि राज्य ने अकेले 4,51,516 करोड़ रुपए की नई परियोजनाओं को सफलतापूर्वक आकर्षित किया। वहीं, पहले चार वित्तीय वर्षों में यह राशि 308419.6 करोड़ रुपए थी।
एमएसएमई एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल और कन्फेडरेशन ऑफ ऑर्गेनिक फूड प्रोड्यूसर्स एंड मार्केटिंग एजेंसीज (सीओआईआई) द्वारा '2018-19 और 2022-23 के बीच कर्नाटक में निवेश, वृद्धि और विकास' पर किए गए एक अध्ययन में यह खुलासा हुआ है।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग ऑफ इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के माध्यम से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, एमएसएमई ईपीसी के अध्यक्ष डॉ. डीएस रावत ने अध्ययन जारी करते हुए यह जानकारी दी। बताया गया कि राज्य को वर्ष 2022-23 में 451516.2 करोड़ रुपए, वर्ष 2021-22 में 79816.4 करोड़ रुपए, वर्ष 2020-21 में 74967.7 करोड़ रुपए, वर्ष 2019-20 में 94361.8 करोड़ रुपए और वर्ष 2018-19 में 59273.8 करोड़ रुपए के नए निवेश प्रस्ताव मिले।
अध्ययन में आगे कहा गया है कि राज्य ने वर्ष 2022-23 में 39664.05 करोड़ रुपए, वर्ष 2021-22 में 21336.2 करोड़ रुपए और वर्ष 2020-21 में 11415.5 करोड़ रुपए की परियोजनाएं पूरी कीं। वहीं, वर्ष 2018-19 और वर्ष 2022-23 के बीच कुल 143094.2 करोड़ रुपए की परियोजनाएं पूरी हुईं।
कर्नाटक 8.5 लाख से अधिक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों का 'घर' है, जो 60 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार देते हैं। राज्य ने पिछले पांच वर्षों में चार लाख करोड़ से ज्यादा का निवेश किया है और औद्योगिक विकास के मामले में देश में 5वें स्थान पर है।