नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को रोजगार मेले को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए 51,000 से अधिक नियुक्ति पत्र बांटे। इस अवसर पर उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि रोजगार मेले की यह यात्रा इस महीने एक महत्त्वपूर्ण पड़ाव पर पहुंची है। पिछले वर्ष अक्टूबर महीने में ही रोजगार मेले की शुरुआत हुई थी। तब से केंद्र शासित और भाजपा शासित राज्यों में रोजगार मेले का आयोजन लगातार किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब तक लाखों युवाओं को सरकारी नौकरी के नियुक्ति पत्र दिए जा चुके हैं। आज भी 50 हजार से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई है। दिवाली में अभी कुछ समय बाकी है, लेकिन नियुक्ति पत्र पाने वाले 50 हजार युवाओं के परिवार के लिए यह मौका दिवाली से जरा भी कम नहीं है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के अलग-अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आयोजित होने वाले रोजगार मेले युवाओं के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। हमारी सरकार युवाओं के भविष्य को ध्यान में रखकर मिशन मोड में काम कर रही है। हम न सिर्फ रोजगार दे रहे हैं, बल्कि पूरे सिस्टम को पारदर्शी भी बनाए हुए हैं। इससे नियुक्ति प्रक्रिया पर युवाओं का भरोसा बना हुआ है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत जिस दिशा में आगे बढ़ रहा है, जिस तेजी से आगे बढ़ रहा है, उससे हर सेक्टर में रोजगार के नए अवसर तैयार हो रहे हैं। कुछ ही दिन पहले गुजरात के कच्छ जिले में पाकिस्तान की सीमा पर स्थित गांव धोरडो को यूएन ने सर्वोत्तम पर्यटन ग्राम के रूप में सम्मानित किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले कर्नाटक के होयसला मंदिरों और पश्चिम बंगाल के शांतिनिकेतन को वर्ल्ड हेरिटेज साइट की पहचान मिली है। आप कल्पना कर सकते हैं कि इससे यहां पर्यटन की संभावना और अर्थव्यवस्था के विस्तार की संभावना कितनी बढ़ गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि युवाशक्ति जितनी ज्यादा मजबूत होगी, देश उतना ज्यादा विकास करेगा। आज भारत अपने युवाओं को स्किलिंग और शिक्षा द्वारा नए अवसरों का लाभ उठाने के लिए तैयार कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भविष्य की आधुनिक जरूरतों को देखते हुए देश में आधुनिक राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की जा रही है। देश में बड़ी संख्या में नए मेडिकल कॉलेज, आईआईटी, आईआईएम या आईआईआईटी जैसे कौशल विकास संस्थान खोले जा रहे हैं। करोड़ों युवाओं को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षण दिया गया है। हमारे देश में करोड़ों कारीगर अपने पारंपरिक व्यवसायों के माध्यम से आजीविका चलाते हैं। ऐसे विश्वकर्मा कारीगरों के लिए भी पीएम विश्वकर्मा योजना प्रारंभ की गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज आप राष्ट्रनिर्माण की हमारी यात्रा में महत्त्वपूर्ण सहयोगी बनकर हमसे जुड़ रहे हैं। आज आप अपने सपनों को पूरा कर रहे हैं, लेकिन देशवासियों के सपनों का स्वामित्व ले रहे हैं। इस यात्रा को लक्ष्य तक पहुंचाने में पूरी तत्परता से आपका सक्रिय योगदान बहुत जरूरी है।