अगर मौका मिले तो हर कोई प्रतिभाशाली बन सकता है: सिद्दरामैया

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतिभा जाति और धर्म तक सीमित नहीं होती

'आत्मसम्मान के साथ अच्छे नागरिक बनकर जीने के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है'

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। मुख्यमंत्री सिद्दरामैया ने कहा कि कोई भी जन्मजात प्रतिभाशाली नहीं होता है। अगर मौका मिले तो हर कोई प्रतिभाशाली बन सकता है। वे रविवार को यहां कालिदास हेल्थ एंड एजुकेशन ट्रस्ट और अहिल्या फाउंडेशन द्वारा आयोजित प्रेरणा समारोह को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतिभा जाति और धर्म तक सीमित नहीं होती। यदि सभी को शिक्षा का अवसर और लाभ दिया जाए तो प्रतिभा निश्चित रूप से सामने आएगी। इसलिए आत्मसम्मान के साथ अच्छे नागरिक बनकर जीने के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है।

कड़ी मेहनत और लक्ष्य ज़रूरी

उन्होंने यह भी अपील की कि सभी को शिक्षित होना चाहिए और उन लोगों की मदद करनी चाहिए, जो शिक्षा से वंचित हैं। हमें उस समाज के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी, जिसने हमारी मदद की है। कड़ी मेहनत और लक्ष्य के बिना कोई भी कुछ हासिल नहीं कर सकता।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने वंचित समुदाय और लड़कियों को शिक्षा का अधिकार दिया। इस इतिहास को ठीक से समझना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने याद करते हुए बताया कि वे बीएससी की पढ़ाई के दिनों में होटल से करी लाते थे और रात के खाने के लिए कमरे में चावल पकाते थे। चूंकि ऐसी स्थिति में हजारों विद्यार्थी हैं, इसलिए उन्होंने विद्यासिरी कार्यक्रम शुरू किया।

जातीय जनगणना पर रिपोर्ट

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार पूरे देश में सबसे पहले जातीय जनगणना कराने वाली सरकार थी। मैंने प्रत्येक जाति की आर्थिक, सामाजिक स्थिति जानने के उद्देश्य से जाति जनगणना कराई थी। बाद में सरकारों ने जनगणना रिपोर्ट को स्वीकार नहीं किया। पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष जयप्रकाश हेगड़े जातीय जनगणना पर रिपोर्ट पेश करेंगे। हम इसे प्राप्त करेंगे।

पिछड़े वर्ग के मेडिकल विद्यार्थियों को सम्मान एवं छात्रवृत्ति वितरण का कार्यक्रम कनक गुरुपीठ के सिद्धरामानंद स्वामीजी की उपस्थिति में आयोजित किया गया।

इस अवसर पर शहरी विकास मंत्री बैराथी सुरेश, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव गोविंदराजू, पूर्व पार्षद बीएन नीतीश पुरुषोत्तम और कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

नियमों में संशोधन करने का निर्णय

बताया गया कि पहले, ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की संख्या कम और पद ज्यादा होते थे, लेकिन अब हालात बदल गए हैं। डॉक्टरों की संख्या खाली पदों से ज्यादा हो गई है। इसलिए मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार ने ग्रामीण डॉक्टरों के रिक्त पदों को भरने के लिए नियमों में संशोधन करने का निर्णय लिया है।

About The Author: News Desk