नई दिल्ली/भाषा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क (यूसीसीएन) में ग्वालियर और कोझीकोड को शामिल किए जाने की बुधवार को सराहना की और कहा कि भारत की सांस्कृतिक जीवंतता वैश्विक मंच पर चमक बिखेर रही है।
प्रधानमंत्री ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में यह भी कहा कि भारत एक तरफ जहां इस अंतरराष्ट्रीय मान्यता का जश्न मना रहा है, वहीं राष्ट्र अपनी विविध सांस्कृतिक परंपराओं को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के लिए ‘अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता’ है।
ग्वालियर और कोझीकोड उन 55 नए शहरों में शामिल हैं, जो यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क में शामिल हो गए हैं, यूनेस्को ने मंगलवार को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर घोषणा की।
मध्य प्रदेश के ग्वालियर ने ‘संगीत’ श्रेणी में प्रतिष्ठित सूची में जगह बनाई है, जबकि केरल के कोझीकोड ने ‘साहित्य’ श्रेणी में स्थान अर्जित किया है।
मोदी ने कहा, ‘कोझीकोड की समृद्ध साहित्यिक विरासत और ग्वालियर की मधुर संगीत की विरासत अब प्रतिष्ठित यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क में शामिल होने के साथ भारत की सांस्कृतिक जीवंतता वैश्विक मंच पर चमक बिखेर रहा है। कोझीकोड और ग्वालियर के लोगों को इस उल्लेखनीय उपलब्धि पर बधाई!’
उन्होंने कहा, ‘जैसा कि हम इस अंतरराष्ट्रीय मान्यता का जश्न मनाते हैं, हमारा देश हमारी विविध सांस्कृतिक परंपराओं को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। ये सम्मान हमारे अद्वितीय सांस्कृतिक आख्यानों को पोषित करने और साझा करने के लिए समर्पित प्रत्येक व्यक्ति के सामूहिक प्रयासों को भी दर्शाते हैं।’
प्रधानमंत्री ने केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी के एक पोस्ट के जवाब में अपनी यह प्रतिक्रिया व्यक्त की।
रेड्डी ने ‘एक्स’ पर किए एक पोस्ट में प्रतिष्ठित नेटवर्क में भारत के दो पुराने शहरों को शामिल करने की सराहना की।
रेड्डी ने कहा, ‘भारत के लिए गर्व का क्षण। केरल के कोझीकोड को यूनेस्को के ‘साहित्य का शहर’ और ग्वालियर को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क की नवीनतम सूची में ‘संगीत का शहर’ नामित किया गया है। इन शहरों को संस्कृति और रचनात्मकता का उपयोग करने के लिए उनकी मजबूत प्रतिबद्धता के लिए मान्यता मिली है। सभी हितधारकों को बधाई!’
पचपन रचनात्मक शहरों में बुखारा (शिल्प और लोक कला), कैसाब्लांका (मीडिया कला), चोंगकिंग (डिजाइन), काठमांडू (फिल्म), रियो द जनेरियो (साहित्य), और उलानबटोर (शिल्प और लोक कला) भी शामिल हैं।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित विश्व शहर दिवस 31 अक्टूबर को मनाया जाता है।