केरल में कोच्चि के पास कलमश्शेरी में एक ‘कन्वेंशन सेंटर’ में प्रार्थना सभा के दौरान धमाके की घटना कई सवाल खड़े करती है। इसके आरोपी ने बाद में सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी पोस्ट कर दिया और घटना को अंजाम देने की 'वजह' बताई। यह मामला चौंकाता भी है, क्योंकि आमतौर पर जब कोई अपराधी ऐसा कृत्य करता है तो उसकी कोशिश यही होती है कि वह कानून की नजरों में न आए। अगर ऐसी घटना के पीछे कोई गिरोह या आतंकवादी संगठन होता है तो वह अपनी दहशत फैलाने के लिए फोन पर जिम्मेदारी लेता है। लेकिन केरल का यह मामला साल 2022 के राजस्थान के कन्हैया लाल हत्याकांड से काफी समानता रखता है।
उस मामले के आरोपियों ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर जिम्मेदारी कबूली थी। वे कट्टरपंथी विचारधारा से प्रभावित थे। उनका मानना था कि अगर उनकी नजरों में कोई 'अपराधी' है तो उसे ज़िंदा रहने का अधिकार नहीं है। ‘कन्वेंशन सेंटर’ में धमाके के आरोपी डोमिनिक मार्टिन ने भी दावा किया था कि 'यहोवा के साक्षी' और उसकी विचारधारा (उसके नजरिए के मुताबिक) देश के लिए खतरनाक हैं और इसलिए राज्य में उनकी मौजूदगी खत्म करनी होगी। यही नहीं, वह इस संगठन को 'अपनी शिक्षाओं' में सुधार करने के लिए नसीहत दे चुका था, लेकिन जब उसकी मर्जी के मुताबिक काम नहीं हुआ तो उसने खतरनाक कदम उठा लिया!
अगर किसी संगठन की शिक्षाएं पसंद नहीं हैं या सहमत नहीं हैं तो बेहतर तरीका यही है कि उससे संबंध तोड़ लें, दूर रहें। अगर उन 'शिक्षाओं' में ऐसी बातें पाते हैं, जो किसी की आस्था को ठेस पहुंचाती हैं या देश के लिए हानिकारक हैं तो पुलिस या संबंधित एजेंसियों को सूचित किया जा सकता है। लेकिन उसकी सभा में लोगों के जीवन को नुकसान पहुंचाने का कदम अनुचित और अक्षम्य है।
डोमिनिक मार्टिन के बारे में अब तक जो बातें सामने आई हैं, उनसे प्रतीत होता है कि यह शख्स न केवल कट्टरपंथी विचारधारा से प्रभावित है, बल्कि बेहद शातिर भी है। यह पहले खाड़ी देश में नौकरी करता था, जहां उसका वेतन काफी अच्छा था। दुनियाभर से लाखों लोग खाड़ी देशों में नौकरी करने जाते हैं। उनका सपना होता है कि अच्छी कमाई के साथ वहां ज़िंदगी का लंबा अरसा गुजारें, लेकिन मार्टिन वह नौकरी छोड़कर आ गया था! क्या यह वहां किसी कट्टरपंथी विचारधारा के संपर्क में आया था या उसका पहले से ही उसकी ओर झुकाव था?
यह मामला क्षणिक भावावेश में आकर किए गए अपराध का नहीं है, क्योंकि मार्टिन ने अपनी गिरफ्तारी के बाद जो 'खुलासे' किए, उनसे पता चलता है कि उसने पहले पूरी साजिश रची, उसके बाद विस्फोटक सामग्री जुटाकर तैयारी की। आखिर में धमाका किया और वीडियो बनाकर जिम्मेदारी ली। उसने विस्फोटक सामग्री खरीदने के बिल भी पेश किए हैं। यह शख्स इलेक्ट्रॉनिक्स की अच्छी जानकारी रखता है। न्यायालय ने उससे कई बार कहा कि वह कानूनी सहायता ले, लेकिन उसने इससे इन्कार किया और कहा कि वह अपने मामले की पैरवी खुद करेगा! हो सकता है कि यह भी प्रचार पाने के लिए उसका एक पैंतरा हो।
जांच अधिकारियों को इस मामले में डोमिनिक मार्टिन के खिलाफ जो सबूत मिले हैं, उनके आधार पर माना जा रहा है कि उसके बरी होने की गुंजाइश कम ही है। चूंकि घटना में तीन लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 50 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। आरोपी ने अपना अपराध सोशल मीडिया पर कबूल भी कर लिया है। अब जांच अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे पुख्ता सबूत जुटाएं तथा न्यायालय में दोषसिद्धि कराकर पीड़ितों को न्याय दिलाएं।