बेंगलूरु/भाषा। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने धोखाधड़ी के मामले में आरोपी एवं कर्नाटक मठ के स्वामी को जमानत दे दी है, जो राज्य में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के लिए एक व्यवसायी से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का टिकट दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने के मामले में तीसरे आरोपी हैं।
न्यायमूर्ति विश्वजीत शेट्टी की पीठ ने बुधवार को आरोपी के अधिवक्ता और सरकारी अभियोजक की दलीलें सुनने के बाद विजयनगर जिले के हिरेहादगली हलस्वामी मठ के अभिनव हलश्री स्वामी को जमानत देने का आदेश दिया।
याचिका की सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने पीठ को अवगत कराया कि जांच अधिकारियों ने बुधवार को निचली अदालत में आरोपपत्र दायर कर दिया है।
याचिकाकर्ता के वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण श्याम ने तर्क दिया कि चूंकि आरोपपत्र दाखिल किया जा चुका है, इसका मतलब जांच पूरी हो चुकी है। ऐसे में अभिनव हलश्री स्वामी को हिरासत में रखना अनावश्यक है।
याचिकाकर्ता द्वारा प्राप्त कथित धन जांच अधिकारियों ने पहले ही जब्त कर लिया है और मजिस्ट्रेट अदालत को सौंप दिया है।
वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ आरोपों में सात साल से कम की सजा हो सकती है और मुकदमे में उनके खिलाफ आरोपों की सत्यता अभी तक साबित नहीं हुई है, इसलिए उन्हें जमानत दी जानी चाहिए।
अदालत ने दलीलें स्वीकार करते हुए अभिनव हलश्री स्वामी को जमानत दे दी।
व्यवसायी गोविंद बाबू पुजारी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि आरोपियों ने यह वादा करके उनसे पांच करोड़ रुपए लिए थे कि उन्हें उडुपी जिले के बैंदूर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए भाजपा का टिकट दिया जाएगा, लेकिन उन्हें धोखा दिया गया।
आरोपी हिंदू कार्यकर्ता चैत्रा, श्रीकांत, रमेश, गगन, प्रज्वल और धनराज को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
हलश्री स्वामी को 19 सितंबर 2023 को शिकायतकर्ता से 1.5 करोड़ रुपए प्राप्त करने के आरोप में ओडिशा के कटक से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।