बेंगलूरु/दक्षिण भारत। दक्षिण पश्चिम रेलवे (दपरे) के बेंगलूरु मंडल के मंडल रेल प्रबंधक योगेश मोहन ने शुक्रवार को ट्रेनों और रेलवे परिसरों में अग्नि सुरक्षा के संबंध में की गईं गतिविधियों को लेकर मंडल कार्यालय में मीडिया को संबोधित किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बेंगलूरु मंडल में व्यापक अग्नि सुरक्षा जागरूकता अभियान और अन्य गतिविधियां आयोजित की गई हैं। उन्होंने रेलयात्रियों से राष्ट्रहित और यात्रीहित में ज्वलनशील चीजें ले जाने से परहेज करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि रेलवे प्रणाली ज्वलनशील चीजें ले जाने के लिए नहीं बनाई गई है।
उन्होंने बताया कि ट्रेन में पटाखे और ज्वलनशील पदार्थ ले जाना रेलवे अधिनियम के तहत अपराध है। ऐसी गतिविधि में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यात्रियों से चलती ट्रेनों और रेलवे परिसर में धूम्रपान न करने का आग्रह किया।
योगेश मोहन ने बताया कि इस साल अप्रैल से अक्टूबर तक पटाखे और ज्वलनशील चीजें ले जाने पर रेलवे अधिनियम की धारा 164 के तहत पांच मामले दर्ज किए गए हैं। ट्रेनों और रेलवे परिसरों में धूम्रपान करने पर रेलवे अधिनियम की धारा 167 के तहत 258 मामले दर्ज हुए हैं।
अभियान के हिस्से के रूप में आग की घटनाओं से बचने के लिए 'धूम्रपान निषेध' लागू करने जैसी सावधानियों के बारे में शिक्षित करने की पहल की गई है। रेलवे परिचालन से संबंधित कर्मियों और जनता को भी अग्निशामक यंत्रों के उपयोग के लिए प्रशिक्षित किया गया है।
वाणिज्यिक, रेलवे सुरक्षा बल, मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल विभागों के अधिकारियों और पर्यवेक्षकों द्वारा सुरक्षा अभियान चलाया गया। अधिकारियों द्वारा 110 निरीक्षण और पर्यवेक्षकों और कर्मचारियों द्वारा 1,600 से अधिक निरीक्षण किए गए। इस अभियान में 30 स्टेशनों और 191 ट्रेनों को शामिल किया गया। तीन हजार से ज्यादा कर्मचारियों और 5,056 से ज्यादा यात्रियों को परामर्श दिया गया। बीस सेमिनार आयोजित किए गए। वहीं, 10,000 से ज्यादा एसएमएस भेजे गए। उक्त अवधि में 3,500 पर्चे वितरित किए गए।