बेंगलूरु: इंडियन सोसाइटी ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन का 62वां वार्षिक सम्मेलन हुआ

इस साल के सम्मेलन की थीम 'एयरोस्पेस मेडिसिन: ताकत, समर्थन और समाधान' थी

एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने सम्मेलन का उद्घाटन किया

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। इंडियन सोसाइटी ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन (आईएसएएम) का 62वां वार्षिक सम्मेलन 23 से 25 नवंबर तक इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन (आईएएम), बेंगलूरु में आयोजित किया गया।

इस साल के सम्मेलन की थीम 'एयरोस्पेस मेडिसिन: ताकत, समर्थन और समाधान' थी। एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने सम्मेलन का उद्घाटन किया था। उन्होंने अपने भाषण में आईएसएएम के सभी दिग्गजों के योगदान को स्वीकार किया और वायुसेना के साथ अपनी करीबी साझेदारी पर जोर दिया।

सम्मेलन में लगभग 200 प्रतिनिधियों ने भौतिक रूप से और लगभग 100 प्रतिनिधियों ने ऑनलाइन भाग लिया। एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, प्रशिक्षण कमान, चिकित्सा सेवा महानिदेशक (एयर) एयर मार्शल आर राधिश और मुख्यालय प्रशिक्षण कमान के वरिष्ठ अधिकारियों ने विभिन्न प्रतिष्ठित वैज्ञानिक संस्थानों के निदेशकों के साथ इस कार्यक्रम में भाग लिया। सम्मेलन में विभिन्न विशिष्ट भाषण दिए गए।

बता दें कि प्रतिष्ठित सुब्रतो मुखर्जी मेमोरियल ओरेशन की स्थापना साल 1972 में पहले भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल सुब्रतो मुखर्जी के सम्मान में की गई थी। डॉ. राजा रमन्ना, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, माधवन नायर, डॉ. नरेश त्रेहान और विंग कमांडर राकेश शर्मा (सेवानिवृत्त) जैसी कई प्रतिष्ठित हस्तियों ने अतीत में यहां व्याख्यान दिए थे।

इस साल के सुब्रतो मुखर्जी मेमोरियल ओरेशन में भारतीय क्रिकेटर डॉ. सैयद मुजतबा हुसैन किरमानी ने 'दो दशकों तक अंतरराष्ट्रीय खेल खेलना' विषय पर भाषण दिया। एयर वाइस मार्शल श्रीनागेश मेमोरियल ओरेशन एयर मार्शल पवन कपूर (से.नि.) द्वारा 'रोगी सुरक्षा: एयरोस्पेस सुरक्षा से सबक लेना' विषय पर दिया गया।

जेएचएफ मानेकशॉ पैनल चर्चा का संचालन दो प्रतिष्ठित वक्ताओं श्रीकांत कोंडापल्ली ने 'चीन का मनोवैज्ञानिक युद्ध' और एयर वाइस मार्शल दीपक गौड़ (सेवानिवृत्त) ने 'ओपीटीआरएएम- एक क्रांति का विकास' पर किया।

सम्मेलन के दौरान वैज्ञानिक सत्रों और पैनल चर्चाओं की शृंखला में विविध विषयों को शामिल किया गया। इनमें एयरोस्पेस फिजियोलॉजी, क्लिनिकल और ऑपरेशनल एयरोस्पेस मेडिसिन, ह्यूमन इन स्पेस प्रोग्राम, सिविल एविएशन मेडिसिन और एयरोमेडिकल निर्णय लेना शामिल है।

इसके अलावा, सम्मेलन ने इंटरैक्टिव सत्र, चर्चा और विचार-विमर्श के लिए उत्कृष्ट अवसर दिया। इस मंच पर सूचना, विचारों और विशेषज्ञता के आदान-प्रदान से एयरोस्पेस क्षेत्र में अनुसंधान की दिशा को आगे बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी।

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