गुरु नानकदेवजी के विचार दुनिया में शांति, समानता को बढ़ावा देने में मदद करेंगे: राज्यपाल गहलोत

राज्यपाल ने हलसुर में श्री गुरु सिंह सभा का दौरा किया और गुरु नानकजी को नमन किया

'भगवान का नाम जपें, कड़ी मेहनत करें और जरूरतमंदों की मदद करें'

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने कहा कि गुरु नानकदेवजी का जीवन दर्शन, उनके धार्मिक और सामाजिक सुधार, कर्तव्य के प्रति समर्पण, मानव जाति के लिए प्रेम, सद्भावना, ईश्वर में विश्वास और संपूर्ण भारतीय संस्कृति के लिए एक अनमोल खजाना हैं।

राज्यपाल ने सोमवार को हलसुर में श्री गुरु सिंह सभा का दौरा किया और गुरु नानकजी को नमन किया।

उन्होंने कहा, मैं, गुरु नानक देवजी को उनकी जयंती पर नमन करता हूं और सभी को प्रकाश पर्व की शुभकामनाएं देता हूं। यह पर्व सभी के जीवन को रोशनी से भर दे। यह दिन गुरु नानक देवजी के न्यायपूर्ण, समावेशी और सामंजस्यपूर्ण समाज के सपने को साकार करने के लिए खुद को फिर से समर्पित करने का दिन है। गुरु नानकदेवजी ने अपने जीवन में समाज को सामाजिक-आर्थिक, लौकिक-पारलौकिक और आध्यात्मिक शुद्धता की सार्वभौमिक व्यावहारिक उपलब्धि के माध्यम से सद्भाव, शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने का दर्शन दिया।

गुरु नानक देवजी ने नाम जपो, किरत करो, वंड छको का संदेश दिया, जिसका अर्थ है - भगवान का नाम जपें, कड़ी मेहनत करें और जरूरतमंदों की मदद करें। गुरु नानक देव ने कहा कि उनके विचार दुनियाभर में शांति, समानता और समृद्धि को बढ़ावा देने में मदद करेंगे।

उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रा के दौरान गुरु साहब बीदर आए थे और वहां पेयजल की समस्या का समाधान किया, जिसे आज हम गुरुद्वारा श्री गुरु नानक जीरा साहिब कहते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें कई बार उस पवित्र स्थान पर जाने और गुरुद्वारे में मत्था टेकने का सौभाग्य मिला है।

गुरु नानक देवजी ने हमें मार्गदर्शन में चलने, खुश रहने, दूसरों को खुश करने, प्रार्थना करने, सेवा करने और धर्म की रक्षा के लिए प्रयास करने का उपदेश दिया था।

इस अवसर पर श्रीगुरु सिंह सभा के अध्यक्ष जसबीर सिंह डोडी आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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