बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक उच्च न्यायालय पायलट आधार पर प्रतिभागियों के लिए सख्त दिशा-निर्देशों के साथ सोमवार से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा फिर से शुरू करने के लिए तैयार है।
कार्यवाही के दौरान आपत्तिजनक वीडियो स्ट्रीम करने वाले अज्ञात व्यक्तियों की 'शरारत' के बाद उच्च न्यायालय ने 5 दिसंबर को इस सुविधा को निलंबित कर दिया था। इस संबंध में अज्ञात संदिग्धों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
शनिवार को उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार द्वारा जारी ताजा दिशा-निर्देशों में, प्रतिभागियों का पंजीकरण अनिवार्य है।
संशोधित दिशा-निर्देशों के अनुसार, साइनअप प्रक्रिया द्वारा ज़ूम प्लेटफ़ॉर्म में पंजीकरण प्राप्त करने से पहले, प्रत्येक वकील, पार्टी-इन-पर्सन, लिटिगेंट, सरकारी विभाग को अनिवार्य रूप से उच्च न्यायालय ऑनलाइन डिजिटल केस डायरी पोर्टल में पंजीकरण करना होगा।
न्यायालय ने कहा, ऑनलाइन डिजिटल केस डायरी में अनिवार्य पंजीकरण की आवश्यकता वीसी के माध्यम से कोर्ट हॉल की कार्यवाही तक पहुंच प्रदान करने के लिए दी गई ईमेल आईडी को श्वेतसूची में डालने के लिए आवश्यक है। साइबर सुरक्षा मुद्दे की सुरक्षा के लिए उक्त उपाय आवश्यक है।